2009-11-28 09:26:12

बंगाल मिशन के 150 वर्ष पूरे


कोलकाता 27 नवम्बर, 2009। बेलजियम के येसु समाजी पुरोहित बंगाल मिशन की 150वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं।
उकान समाचार ने बताया कि बेलजियम के मिशनरियों ने बंगाल की स्थानीय कलीसियो के लिये शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं।
बेलजियन जेस्विट मिशनरियों न ही बाईबल का अनुवाद बंगाली भाषा में किया।फादर अन्द्रे ब्रुइलनतस 60 सालों से बंगाल क्षेत्र में लोगों की सेवा कर रहे हैं ।
83 वर्षीय फादर अन्द्रे ने उकान समाचार को बताया कि जेस्विटों ने लाखों लोगों को शिक्षित किये हैं और कई लोगों के आदर्श बन गये हैं।
उन्होंने कहा कि कई जेस्विट समाज सेवा के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। कई लोगों ने हिन्दु धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और धार्मिक सद्भावना स्थापित करने में अपने योगदान दिये।
संस्कृतिकरण के द्वारा भी येसु समाजियों ने स्थानीय लोगों को अपने स्थानीय पूजन-विधि से ईश्वर की भक्ति करना सिखलाया। 85 वर्षीय क्रिश्चियन मिनयोन ने बाइबल को बंगाली भाषा में अनुवादित किया।
इसके लिये उन्होंने एक हिन्दु कवि और गुरु सजल बनर्जी की मदद ली जिसे सन् 2003 में पूरा किया गया।
इसके पूर्व भी फादर मिनयोन ने पूजन विधि के किताबों का अनुवाद किया था जिससे स्थानीय भाषा में पूजा-पाठ करने का मार्ग प्रशस्त हो चुका था।
ज्ञात हो कि बेलजियन जेस्विटों का आगमन कोलकाता में सन् 1859 ईस्वी में हुआ था ताकि वे विद्यालय खोल सकें।
यह भी विदित हो कि आरंभिक दिनों में बेलजियन जेस्विटों का ध्यान छोटानागपुर में था जहाँ अभी झारखंड राज्य का निर्माण हुआ है।
झारखंड क्षेत्र में जेस्विट फादर कोन्सटन्ट लीवन्स ने कार्य किया इस क्षेत्र के लोगों के अधिकार और मर्यादा की रक्षा के लिये कार्य किया। आज भी आदिवासी लीवन्स को छोटानागपुर का प्रेरित कह कर बहुत सम्मान देते हैं।
यह भी विदित हो कि एक समय पश्चिमी बंगाल झारखंड बिहार मध्यप्रदेश उड़ीसा और छत्तीसगढ़ सभी बंगाल मिशन के अंतर्गत आते थे।








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