नये महागिरजाघर ने ईसाईयों हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एकता बढ़ायी
भारत में कोलकाता से 40 किलोमीटर दूर बरूईपुर शहर में एक काथलिक महागिरजाघर के निर्माण
में ईसाई, हिन्दु और मुसलमानों ने योगदान दिया है। बरूईपुर के धर्माध्यक्ष साल्वादोर
लोबो ने ऊका समाचार सेवा से कहा कि यह सदइच्छा और सद्भावना का चिह्व है जिसने विभिन्न
धर्मानुयायियों के बीच सौहार्द का प्रसार करने में मदद किया। इम्माकुलेट हार्ट औफ मेरी
महागिरजाघर का लोकार्पण 12 नवम्बर को मिशनरी औफ चारिटी धर्मसमाज की सुपीरियर जेनरल सिस्टर
मेरी प्रेमा ने किया। धर्माध्यक्ष लोबो ने कहा कि धन्य मदर तेरेसा इस महागिरजाघर की संरक्षिका
घोषित की गयी हैं तथा यह उचित है कि उनकी उत्तराधिकारी इस महागिरजाघर को लोगों के लिए
खोलें। कोलकाता के महाधर्माध्यक्ष लुकस सिरकार ने नये महागिरजाघर को आशीष दी। इस समारोह
में 5 धर्माध्यक्षों सहित लगभग दो हजार लोग शमिल हुए। महागिरजाघर के समीप स्टेशनरी दुकान
चलानेवाले मोहम्मद इनुल खान ने एकता के प्रतीक रूप में चर्च के निर्माण के लिए आर्थिक
योगदान दिया। उन्होंने ऊका समाचार सेवा से कहा कि ईश्वर एक ही हैं यद्यपि उन्हें विभिन्न
नामों से पुकारा जाता है। ईश्वर मुझे और मेरे परिवार को आशीष देंगे। हिन्दु धर्मानुयायी
रंजीत घोष ने कहा कि उन्होंने चर्च निर्माण फंड में अपना योगदान सदभावना के प्रतीक रूप
में दिया ताकि यह दिखाया जा सके कि विभिन्न धर्मों के लोग एक दूसरे की सहायता करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय ईसाई लोकप्रिय हिन्दु त्योहारों के समय भी दान देते हैं इसलिए
वे भी इसके बदले में दान देना चाहते थे। स्थानीय कलाकारों ने 24 पेंटिंग्स और 32 स्टेंड
ग्लास विंडो बनाये हैं। धर्माध्यक्ष लोबो ने कहा कि कलात्मक कार्य काथलिक विश्वास के
विभिन्न पहलूओं को प्रदर्शित करते हैं। काथलिक लोकधर्मी नेता पौल डि रोजारियो ने कहा
कि पेंटिंग सरल और मनमोहक हैं। येसु के दृष्टान्तों या चमत्कारों का वर्णन करती पेंटिंग
या तस्वीर दर्शक या भक्त को मुक्ति के इतिहास को समझने के लिए मदद करती हैं।