इंटरनेशनल फेडेरेशन ओफ काथलिक यूनिवर्सिटीस के अधिकारियों के लिए संत पापा का संदेश
इंटरनेशनल फेडेरेशन औफ काथलिक यूनिवर्सिटीस एफआईयूसी अर्थात काथलिक विश्वविद्यालयों के
अंतरराष्ट्रीय संघ की स्थापना 1924 में की गयी थी जिसे 25 वर्षों बाद वाटिकन द्वारा मान्यता
प्रदान की गयी। आज सम्पूर्ण विश्व में 1300 से अधिक काथलिक विश्वविद्यालय और कलीसियाई
संस्थाएँ कार्य़रत हैं। इस फेडेरेशन को वाटिकन द्वारा मान्यता प्रदान करने की 60 वीं वर्षगाँठ
के उपलक्ष्य में गुरूवार को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने एफआईयूसी के अधिकारियों तथा
रोमी परमधर्मपीठीय काथलिक उच्च शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों और विद्यार्थियों को सम्बोधित
किया। इस अवसर पर 1979 में संत पापा जोन पौल द्वितीय द्वारा पारित प्रेरितिक संविधान
सापियेन्सा ख्रिस्तीयाना की भी 30 वीं वर्षगाठ का स्मरण किया गया। संत पापा बेनेडिक्ट
16 वें ने कहा कि वर्षगाँठ मनाने के इस अवसर ने उन्हें कलीसिया और समाज में काथलिक शिक्षण
संस्थानों की अपरिहार्य़ भूमिका को रेखांकित करने का अवसर प्रदान किया। प्रेरितिक संविधान
सापियेन्सा ख्रिस्तीयाना अपने आरम्भ से लेकर आज भी विश्वास और संस्कृति के मध्य दूरी
को समाप्त करने के लिए वार्ता और सुसमाचार प्रचार के प्रति और अधिक समर्पण की माँग को
रेखांकित करता रहा है। इस दस्तावेज के मूल संदेश की सार्थकता आज 30 साल बाद भी कायम है
जब समाज में ज्ञान विशेषज्ञता की ओर अग्रसर हो रहा है लेकिन सापेक्षवाद की भी अधिकता
रही है। संत पापा ने कहा कि फेडरेशन की 60 वीं वर्षगाँठ का समारोह संघ के कार्य़ों का
मूल्यांकन करने तथा भावी दिशा पर विचार करने का अवसर देता है। ये वर्षगाँठ समारोह न केवल
ईश्वर को धन्यवाद देने के अवसर हैं जिन्होंने हमारे कदमों को मार्गदर्शन प्रदान किया
लेकिन कलीसिया की सेवा करने के समर्पण को नवीकृत करने के लिए इतिहास से संवेग प्राप्त
करने का मौका भी है।