लुमसा यूनिवर्सिटी की 70 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर संत पापा का संदेश
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रोम स्थित लुमसा यूनिवर्सिटी अथात लिबेरा यूनिवर्सिटी मारिया
सानितसिमा असुंता की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 12 नवम्बर को विश्वविद्यालय
के सदस्यों को दिये गये संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय काथलिक पहचान वाला है। यह तर्क
और विश्वास के मध्य संवाद को और अधिक बढ़ावा दे ताकि ज्ञान और मूल्यों के बेहतर मिलन
हों। उन्होंने स्मरण किया कि संत पापा पियुस ग्यारहवें के प्रेरितिक पत्र डिविनी इलियुस
माजिस्ट्री के परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया और विश्व पत्र से प्राप्त
प्रेरणा के आलोक में शिक्षा देने का कार्य आरम्भ किया। विश्वविद्यालय ने अपनी काथलिक
अस्मिता को तथा परमधर्मपीठ के साथ निकट संबंध को बनाये रखा है। संत पापा ने विद्यार्थियों
से कहा कि इसकी स्थापना के समय मदर तिंकानी के मौलिक विचारों के प्रति निष्ठावान रहते
हुए वर्तमान समाज के सामने प्रस्तुत नवीन चुनौतियों का जवाब दिया जाये। उन्होंने शिक्षण
कार्य के विशेष महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी पेशा उन मूल्यों की साक्षी देने
का अवसर बन जाता है जिसे अकादमिक कक्षा के समय ग्रहण किया जाता तथा कार्यों में व्यक्त
किया जाता है। संत पापा ने विद्यार्थियों का आहवान किया कि सत्य के लिए वे अपने मन और
दिल को खुला रखें ताकि वे और अधिक न्यायसंगत और संगठित समाज के निर्माता बन सकें।