चर्च मानवता के प्रति प्रेम दिखानेवाली ईश्वरीय साधन – पोप बेनेदिक्त सोलहवें
ब्रेशिया इटली, 9 नवम्बर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि काथलिक कलीसिया
मानवता के प्रति ईश्वरीय प्रेम को बाँटने वाली धैर्यवान और वफ़ादार साधन है।
संत
पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे ब्रेशिया के महागरिजाघर से लोगों को संबोधित कर
रहे थे।
ब्रेशिया पूर्व संत पापा पौल षष्टम का जन्म स्थान है। संत पापा ने कहा
कि संत पापा पौल षष्टम् के लिये यह बात महत्त्वपूर्ण थी कि कलीसिया मानवता के साथ सदा
वार्त्ता करे और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कार्य करे।
अपने प्रभाषण
में संत पापा ने कहा कि आज चर्च की सबसे बड़ी चुनौति है कि वह अन्य धर्मावलंबियों के
साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये रखे और ऐसी शक्तियों का सामना करे जो लोगों को ईश्वर से
दूर ले जाती हैं ।
संत पापा ने संत पापा पौल षष्टम् की बातों की याद दिलाते हुए
कहा कि आज कलीसिया को चाहिये कि वह लोगों को इस बात का उदाहरण पेश करे कि वह लोगों को
प्यार करती है।
ऐसा इसलिये क्योंकि लोगों को प्यार किये बिना हम येसु को प्यार
नहीं कर सकते हैं।
संत पापा ने लोगों को इस बात का स्मरण कराया कि आज की दुनिया
में जो आर्थिक मंदी प्रवासी और युवाओं की समस्यायें हम देखते हैं इसका समाधान हम पौल
षष्टम् द्वारा प्रेषित दस्तावेज़ ' एकलेसियम सुवाम में पा सकते हैं।
पौल षष्टम्
ने इस बात पर हमेशा बल दिया था कि हमें चाहिये कि हम ईश्वर को अपने जीवन में पहला स्थान
दें और समर्पित जीवन जीने के लिये लोगों को प्रेरित करें।
इस अवसर पर बोलते हुए
संत पापा ने पौल षष्टम् की उन बातों को भी याद किया जिसे उन्होंने 7 दिसंबर सन् 1968
ईस्वी में कहा था कि संत पापा को आप अपनी प्रार्थनाओं से मदद करें।