2009-11-09 12:52:14

अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी रिपोर्ट प्रकाशित किया


रोम, 9 नवम्बर, 2009। अमेरिका के डिपार्डमेंड ऑफ स्टेट ने 26 अक्तूबर को धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है।

इस रिपोर्ट में विश्व के 198 राष्ट्रों के धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी सर्वे की रिपोर्ट है। उक्त बात की जानकारी फादर जोन फ्लिन ने जेनित समाचार सूत्रों को दी।

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के प्रथम भाग में अमेरिका ने इस बात बतलाया है कि धार्मिक स्वतंत्रता का महत्त्व क्या है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता मानव का जन्मसिद्ध अधिकार है चाहे वे किसी भी धर्मवालंबी के क्यों न हों।

इसकी प्रस्तावना में यह भी कहा गया है कि धार्मिक रूप से स्वतंत्र व्यक्ति अपने विश्वास में दृढ़ रहता है और वह अपने विश्वास के आधार पर ही समाज के हित में अपना कार्य कर पाता है।

राजनीतिक परिपेक्ष में देखते हुए उनका कहना है कि जब किसी व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं मिलती है तो वह बागी बन जाता है और विद्रोह कर बैठता है।

उन्होंने इस बात को भी बल देकर बताया है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अभाव विश्व शांति के लिये बहुत बड़ा ख़तरा है।

उसमें यह कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता से सद्भावना और एकता बढ़ती है।

इस रिपोर्ट के दूसरे भाग उन देशों की चर्चा की है जहाँ पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है, वे हैं - अफगनिस्तान, पाकिस्तान, इराक, वर्मा, वियेतनाम और भारत। भारत के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के कुछ राज्यों और स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा रखा है।

इस रिपोर्ट में सन् 2008 में उड़ीसा में हुए ईसाई विरोधी हिंसा की भी चर्चा है जिसमें 40 लोगों ने मार डाला गया था और 134 लोग घायल हुए थे।

एक प्रेस विज्ञप्ति भी उसी दिन जारी किया गया जिसमें अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने 13 देशों सूची बनायी है जिन पर कार्रवाई की जायेगी।

वे देश हैं बर्मा, इरिट्रिया, ईरान, इराक, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब, सूडान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और वियतनाम - के लिए सीपीसी के रूप में नामित होना चाहता है.

ज्ञात हो कि बेनेदिक्त सोलहवें ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता के विषय में बोलते हुए कहा था, सार्वभौमिक अधिकार में, धार्मिक स्वतंत्रता और अंतरात्मा की स्वतंत्रता का समाहित होना ज़रूरी है, क्योंकि वे अन्य स्वतंत्रता का स्रोत हैं।









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