यूरोप के ईसाईयों से जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रभावी
कार्य़ करने की अपील
यूरोपीयन कांफ्रेंस औफ द चर्चेस और कौंसिल औफ यूरोपीयन बिशपस कांफ्रेस ने यूरोप और यूरोपीय
संघ के ख्रीस्तीयों से अपील की है कि आगामी कुछ सप्ताहों में हेनेवाले जलवायु परिवर्तन
संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए उपयुक्त कार्य़ करें। डेनमार्क के कोपेनहेगन में
जलवायु परिवर्तन पर 7 से 18 दिसम्बर तक आयोजित होनेवाले सम्मेलन को देखते हुए अपील में
कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या सबके लिए समस्या है। यह सम्पूर्ण ग्रह के लोगों
के जीवन को प्रभावित करती है। विकसित देश जलवायु परिवर्तन संबंधी समर्पण को पूरा करने
में अग्रणी पंक्ति में केवल इसलिए नहीं रहें क्योंकि दशकों तक वातावरण में ग्रीन हाऊस
गैंसो को बढ़ाने के प्रति उनकी जिम्मेवारी रही है। कहा गया है कि निजी और सामुदायिक
स्तर पर दैनिक जीवन में परिवर्तन लाये। इसके लिए यूरोप के ख्रीस्तीयों से कुछ ठोस उपाय
करने और कदम उठाने का सुझाव दिया गया है जैसे अपनी सरकारों के साथ वे समझौता करें, ऊर्जा
संरक्षण पहलों और अभियानों में वे भाग लें, प्रकृति की रक्षा से जुड़ी अच्छी पहलों और
अभ्यासों में भाग लें जैसा कि 2007 में रोमानिया के सिबयु में सम्पन्न तृतीय यूरोपीय
एक्युमेनिकल असेम्बली में प्रस्ताव किया गया था।