2009-11-04 12:17:57

वाटिकन सिटीः आप्रवासियों पर नये परिप्रेक्ष्यों की ज़रूरत, कहना वाटिकन का


आप्रवासियों एवं यात्रियों की प्रेरिताई हेतु गठित वाटिकन समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष आन्तोनियो वेलियो ने मंगलवार को आप्रवासियों एवं शरणार्थियों का चौथा विश्व सम्मेलन प्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया। नौ से 12 नवम्बर तक वाटिकन में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
सम्मेलन की प्रस्तावना में महाधर्माध्यक्ष वेलियो ने कहा कि आप्रवासियों की नित्य बढ़ती संख्या तथा विश्व समाज के नित्य बदलते रूप के मद्देनज़र काथलिक जगत को आप्रवासी एवं शरणार्थी सम्बन्धी परिप्रेक्ष्यों में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "वैश्वीकरण केवल आर्थिक मामलों से सम्बन्धित नहीं है वह मानव व्यक्ति से भी सम्बन्ध रखता है इसलिये आज जो चुनौती हमारे समक्ष उपस्थित है वह परिप्रेक्ष्यों को मूलरूप से बदलने की है।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि वैश्वीकरण पर विचार विमर्श में केवल उसका आर्थिक पक्ष हावी हो जाता है जिसमें अन्तरराष्ट्रीय राहत सहायता, स्वतंत्र व्यापार एवं मुक्त बाज़ार नीतियों की ही बात की जाती है जबकि हम जानते हैं कि विश्व के प्रत्येक कार्य का केन्द्र मानव है। उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय धर्मानुयायी होने के नाते हम जानते हैं कि जीवन का केन्द्र मूलभूत रूप से आध्यात्मिक है इसलिये हमारे समक्ष प्रस्तुत चुनौती प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा एवं उसका विकास है। यह बात कमज़ोर व्यक्तियों के सन्दर्भ में और भी आवश्यक हो जाती है जैसे आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के सन्दर्भ में।"
इस बात पर उन्होंने बल दिया कि कलीसिया आप्रवासियों और विशेष रूप से मानव व्यापार एवं मानव शोषण के शिकार बने लोगों तथा युद्ध से पीड़ित लोगों के करीब है तथा मेज़बान सरकारों का आह्वान करती है कि वे उनकी सुरक्षा के लिये उपयुक्त कानून बनायें ताकि विदेशी राष्ट्रों में भी उन्हें प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन के अवसर मिल सकें।








All the contents on this site are copyrighted ©.