बंगलोर, 31 अक्तूबर, 2009। कर्नाटक के राज्यपाल ने लिटल सिस्टर्स ऑफ द पूअर की संस्थापिका
संत जाँन जूगन के सम्मान में 29 अक्तूबर गुरुवार को एक भारतीय डाक टिकट जारी किया। सभा
को संबोधित करते हुए कर्नाटक के राज्यपाल एच. आर भारद्वाज ने कहा कि संत जाँन जूगन ग़रीबों
को आशा देने वाली संत हैं। उन्होंने बताया कि 127 साल पहले सन् 1900 ईस्वी में लिटल
सिस्टर्स की धर्म बहनें कोलकाता में आयीं और तब से ग़रीबों के उत्थान के लिये बहुत कार्य
किये। ज्ञात हो कि संत जुगन का जन्म फ्रांस में हुआ था लिटल सिस्टर्स ऑफ द पूअर धर्मसमाज
में दो हज़ार 700 सिस्टरें हैं जो 32 विभिन्न देशों में ग़रीबों जरूरतमंदों और वृद्धों
को अपना योगदान दे रहीं हैं। इस समारोह में बंगलोर के महाधर्मध्यक्ष बेर्नार्ड मोरास
चीफ पोस्टमास्टर निदेशक एमय पीय जैने औऱ अन्य गण-मान्य लोग उपस्थित थे। राज्यपाल
ने कहा कि संत जूगन को यह सम्मान दिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने वृद्धों की सेवा के
लिये अपना बलिदान किया और उन्हें उचित सम्मान देने की एक सीख दुनिया को दी है। ज्ञात
हो कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने रोम एक भव्य समारोह में संत जाँन जूगन को 11 अक्तूबर
को संत घोषित किया।