वाटिकन सिटी, 31 अक्तूबर, 2009। संत पापा के द्वारा अंगलिकनों के स्वागत किये जाने की
आलोचना करने वाले ईशशास्त्री हन्स कुंग के विचार कटु और आधारहीन हैं।
उक्त बातें
वाटिकन के समाचार पत्र लोसेर्भातोरे रोमानो के संपादक जियान मरिया वियन ने उस समय कहीं
जब उनकी आलोचना के संबंध में प्रेस सम्मेलन में संवाददाताओं को संबोधित किया।
हंस
कुंग ने संत पापा के उस कदम का विरोध किया था जिसमें पोप ने इस बात की स्वीकृति दे दी
थी कि अब अंगलिकन अपने आध्यात्मिक और पूजन पद्धति को बरकरार रखते हुए ही काथलिक कलीसिया
के अंग बन सकते हैं।
हंस कुंग संत पापा के इस कार्य को " शक्ति पाने की रोमन
प्यास " कहा था। लोसेरभातोरे के संपादक ने कहा कुंग की इस आलोचना को आधारहीन और खेदजनक
कहा।
उन्होंने इस बात की याद दिलाते हुए कहा कि इस बात को लेकर संत पापा कुंग
से मुलाक़ात करना चाहते थे पर उनकी भेंट संभव नहीं हो पायी।
कुंग ने कहा है कि
संत पापा की कई बातों की आलोचना मीडिया करती रही है।
संपादक जियान ने कहा कि
कुंग की आलोचना काथलिक कलीसिया के अंतरकलीसियाई एकता संबंधी प्रतिबद्धता के प्रति खुला
आक्रमण है।