वाटिकन सिटीः अफ्रीका के धर्माध्यक्षों ने भ्रष्ट नेताओं से पश्चाताप अथवा पदत्याग की
मांग की
वाटिकन में 25 अक्तूबर को सम्पन्न अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के समापन पर जारी एक
वकतव्य में सम्पूर्ण अफ्रीका से एकत्र लगभग 200 काथलिक धर्माध्यक्षों ने महाद्वीप के
भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का आह्वान किया कि वे पश्चाताप करें अन्यथा अपना पद त्याग दें। धर्माध्यक्षों
ने अफ्रीका में व्याप्त निर्धनता के लिये भ्रष्ट काथलिक एवं ग़ैरकाथलिक राजनीतिज्ञों
को ज़िम्मेदार ठहराया तथा बहुराष्ट्रीय कंम्पनियों पर भी पर्यावरण के ह्रास एवं प्राकृतिक
संसाधनों के शोषण का दोष लगाया। धर्माध्यक्षों के वकतव्य में कहा कि "उच्च पदों पर
कार्यरत काथलिक राजनीतिज्ञों एवं प्रशासनाधिकारियों ने विश्वास के अनुकूल आचरण नहीं किया।
उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षीय धर्मसभा, "ऐसे लोगों से मांग करती है कि वे पश्चाताप करें
अन्यथा अपना सार्वजनिक पद छोड़ दें तथा लोगों में अस्त व्यस्तता फैलाना और काथलिक कलीसिया
का अपयश करना बन्द करें।" विदेशी एवं बहुराष्टीय कम्पनियों पर निशाना साधते हुए
धर्माध्यक्षों ने कहा कि इन कम्पनियों द्वारा पर्यावरण के अपराधिक विनाश को तुरन्त रोका
जाना अनिवार्य है जो प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहे हैं तथा अफ्रीका के लोगों से
उनकी जीविका के साधन छीन रहे हैं। किन्तु धर्माध्यक्षों ने कहा, "विदेशी हितों की ज़िम्मेदारी
के बावजूद खेदवश यह स्वीकार करना पड़ता है कि इसमें सदैव स्थानीय नेताओं की शर्मनाक मिलीभगत
होती है।" धर्माध्यक्षों ने कहा कि इस समय अफ्रीका को उन सन्तों की ज़रूरत है जो
महाद्वीप से भ्रष्टाचार का उन्मूलन कर सकें तथा जनकल्याण के लिये कार्य कर सकें।