कलीसिया ' अफ्रीका के लिये ' और ' अफ्रीका के साथ ' समर्पित
वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोम्बार्दी ने कहा है कि काथलिक कलीसिया न
केवल अफ्रीकी कलीसिया के लिये कार्य करने को तैयार है पर उनके साथ एक होकर कार्य करने
के लिये समर्पित है।
उक्त बातें वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक ने उस समय कहीं
जब वे वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्याक्रम ' ऑक्तावा दियेस ' में अफ्रीकी धर्माध्यक्षों
की विशेष सभा के समापन पर टिप्पणी कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अफ्रीकी धर्माध्यक्षों
की सिनोद के द्वारा कई प्रस्तावों को पारित कर देने के बाद इस संत पापा को सौंप दिया
गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस महीने के अंत तक संत पापा इसे स्वीकार
कर लेंगे। और इसी के साथ अफ्रीकी कलीसिया के इतिहास का एक नया अध्याय शुरु होगा।
उन्होंने
आगे बताया कि सिनोद ने बहुत सारे मुद्दों पर विचार-विमर्श किये फिर भी कई बातों पर विचार
करना संभव नहीं हो पाया।
अफ्रीकी धर्माध्यक्षों ने जिन बातों को प्रमुखता दी
वे थे मेल-मिलाप, न्याय और शांति। वाटिकन प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस सभा में अफ्रीकी
कलीसिया की कई अच्छे और सकारात्मक पक्ष उभर कर सामने आये।
उन्होंने कहा कि उन
अफ्रीकी विशेषताओं को लोगों के लिये प्रस्तुत किये जाने की आवश्यकता है ताकि यह आम लोगों
को एक नयी आशा दे सके।
उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमें शब्दों और
विचारों से ही संतुष्ट नहीं होना है पर मेल-मिलाप, शांति और आशा को ख्रीस्तीय जीवन का
अभिन्न अंग बनाना है ताकि इससे जीवन की सच्ची खुशी प्राप्त हो सके।
फादर लोम्बार्डी
सर्वभौमिक कलीसिया से भी आग्रह किया है कि वे अफ्रीकी कलीसिया साथ चलने के लिये सामने
आयें।
उन्होंने आगे बताया कि प्रजातांत्रिक गणराज्य कोन्गों के किनशाबा के महाधर्माध्यक्ष
लोरेन्त मोनसेगवो पसिन्भा का मानना है कि अफ्रीका को भौतिक संसाधनों के बढ़कर बौद्धिक
और आध्यात्मिक सहायता की आवश्यकता है।
वाटिकन के प्रवक्ता ने कहा कि पूरी काथलिक
कलीसिया न केवल उनके लिये कार्य करने के लिये तत्पर है पर उनके साथ हैं।