आर्थिक मंदी गरीबी उन्मुलन का बाधक न बने - महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तिनो
न्यूयॉर्क, 24 अक्तूबर, 2009। संत पापा के लिये संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत स्थायी पर्यवेक्षक
महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तिनो मिलोयोरे ने कहा है कि विश्व को चाहिये कि वह गरीबी उन्मूलन
के लिये कार्य करे।
उनका मानना है कि विश्व-व्यापी आर्थिक मंदी गरीबी की समस्या
कारण नहीं है। महाधर्माध्यक्ष ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे संयुक्त राष्ट्र संघ की
महासभा के 64वें अधिवेशन में प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे
कहा कि अगर हम बहुत ही आशावादी होकर भी सोचें कि आर्थिक मंदी का काल एक वर्ष में ही समाप्त
हो जायेगा फिर भी हमें उसका इन्तज़ार नहीं करना चाहिये।
गरीबी को समाप्त करने
के लिये उन संरचनाओं को समाप्त करना होगा जो गरीबी की समस्या को हटाने में बाधक हैँ।
महाधर्माध्यक्ष ने आगे कहा कि गरीबी की समस्या को समाप्त करने के साथ स्वास्थ्य
व्यवस्था समाज कल्याण और शिक्षा की उचित व्यवस्था की जानी चाहिये।
उन्होंने बताया
कि विकासशील देशों में कुपोषण की दर में पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत वृद्धि हुई
है।
महाधर्माध्यक्ष चेलिस्तिनों ने इस बात पर बल दिया है कि गरीबी की समस्या
से मुक्ति पाने के लिये एक दो नियम बना देना ही काफी नहीं है इस संबंध में कुछ गुणात्मक
बदलाव आने चाहिये।
उन्होंने कहा गरीबों के कानूनी सशक्तिकरण की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक नियम को लागू किया जाना चाहिये
जिससे निर्धन अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।
इतना ही नहीं महाधर्माध्यक्ष का
मानना है कि निर्धनों के लिये शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिये पर इसके साथ उनके
सर्वांगीण विकासे के लिये भी कार्य करने की आवश्यकता है।