2009-10-21 12:53:31

विएनाः यूरोपीय संगठन के अधिकारी ने बेनेडिक्ट 16 वें के शब्दों को सराहा


यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग हेतु गठित संगठन के अधिकारी मारियो माओरो सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के उन शब्दों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं जिनमें सन्त पापा ने यूरोप के लोगों से अपनी ख्रीस्तीय जड़ों के स्मरण का आग्रह किया था।

संगठन में रंग व नस्लभेद एवं जातिवादी भेदभाव के विरुद्ध संघर्षरत समिति के अध्यक्ष मारियो माओरो ने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के शब्द समसामयिक हैं तथा एकीकृत यूरोप के निर्माण के लिये उनके शब्दों पर अमल करना नितान्त आवश्यक है।

ग़ौरतलब है कि सन्त पापा ने सोमवार को वाटिकन में यूरोपीय समुदायों के आयोग अध्यक्ष राजदूत ईव्स गाज़्ज़ो को सम्बोधित करते हुए यूरोप द्वारा अपनी ख्रीस्तीय जड़ों एवं ख्रीस्तीय मूल्यों को मान्यता दिये जाने के महत्व को रेखांकित किया था।

श्री मारियो ने कहा कि सन्त पापा के शब्द यूरोप के सभी लोगों को उनकी ज़िम्मेदारी का स्मरण कराते हैं। उन्होंने कहा कि सन्त पापा के शब्द केवल राजनीतिज्ञों को ही नहीं अपितु यूरोप के सभी नागरिकों को, भावी पीढ़ियों के लिये, ख्रीस्तीय मूल्यों से पोषित यूरोपीय महाद्वीप के निर्माण हेतु उनकी गम्भीर ज़िम्मेदारी का स्मरण दिलाते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि यूरोप उस ऐतिहासिक स्मृति को तरोताज़ा रखने में सक्षम नहीं जो उसे उसके सांस्कृतिक एवं धार्मिक परम्पराओं की याद दिलाता है तो वह बहुत दूर नहीं जा पायेगा। उन्होंने कहा कि विकास एवं सभ्यता एकता से प्रस्फुटित होती है। यूरोप, केवल उस काल में महान कहलाया जब उसने उन मूलभूत मूल्यों का प्रसार किया जो ख्रीस्तीय धर्म से आये थे तथा जिनके द्वारा यूरोपीय लोगों की संस्कृति एवं उनकी पहचान बनी।

अपने सम्बोधन में सन्त पापा ने कहा था, "यूरोप के अपार बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संसाधन तब ही फल उत्पन्न करना जारी रखेंगे जब वे मानव व्यक्ति की पारलौकिक दृष्टि से पोषित होंगे, जो यूरोपीय धरोहर का अनमोल कोष है।"









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