वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने यूरोप से ख्रीस्तीय मूल्यों को याद करने का आग्रह किया
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें यूरोप को उसकी ख्रीस्तीय धरोहर का स्मरण दिलाकर यूरोपीय लोगों
को प्रोत्साहन दे रहे हैं कि वे ख्रीस्तीय मूल्यों पर अमल करें। सोमवार को वाटिकन
में यूरोपीय समुदायों के आयोग के अध्यक्ष यूव्स गाज़्ज़ो ने सन्त पापा का साक्षात्कार
किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने चेक गणराज्य में अपनी हालिया यात्रा का स्मरण कराया जिसके
दौरान बर्लिल दीवार के गिराये जाने की 20 वीं वर्षगाँठ मनाई गई थी। यूरोप में लौटी स्वतंत्रता
की लहर के लिये उन्होंने ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त किया क्योंकि इसके कारण ही यूरोपीय
महाद्वीप एकता और अखम्डता के सूत्र में बँध सका। इस बात की ओर सन्त पापा ने ध्यान
आकर्षित कराया कि यूरोपीय संगठन के देश समान मूल्यों के इर्द गिर्द एकता के सूत्र में
बँधे हैं। ये मूल्य, उन्होंने कहा, "दीर्घकालिक एवं यंत्रणापूर्ण इतिहास का परिणाम हैं
तथा इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि इसमें ख्रीस्तीय धर्म की अहं भूमिका रही है।" उन्होंने
कहा कि जब कलीसिया यूरोप को उसकी ख्रीस्तीय जड़ों का स्मरण दिलाती है तब ऐसा कदापि नहीं
है कि कलीसिया अपने लिये विशेषाधिकारों से भरा स्थान खोज रही है बल्कि कलीसिया लोगों
को उस सत्य का स्मरण कराना चाहती है जिस पर मौन रखे जाने का प्रयास किया जा रहा है। कलीसिया
का प्रयास यह दर्शाना है, "यूरोपीय समाज में विद्यमान मूल्यों का आधार उसकी ख्रीस्तीय
धरोहर है जो आज भी महाद्वीप को पोषित एवं सिंचित कर रही है।"