वाटिकन सिटी, 19 अक्तूबर, 2009 । अफ्रीका की कलीसिया के सामने अनेक चुनौतियों और मुद्दे
हैं और उन पर विचार-विमर्श के लिये समय कम है।
उक्त बातें की जानकारी कार्यकारिणी
समिति के अध्यक्ष अंगोला के महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल मिबिलिंगी ने दी।
उन्होंने
जेनित समाचार सूत्रों को बताया कि जब कार्यकारिणी समिति की बैठक पिछले 15-16 अक्तूबर
को सम्पन्न सभा में प्रतिनिधियों ने अनुभव किया कि उनके पास समय कम है औऱ उन्हें कई
मुद्दों पर विचार करना है विशेष कर के चर्च में नारियों की भूमिका और उनकी मर्यादा के
संबंध में।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को चर्च में महत्त्वपूर्ण भूमिकायें
दी जानी चाहिये और यह प्रयास किया जाना चाहिये कि उनके साथ किसी प्रकार का भेद-भाव न
किया जाये।
बुरकिना फासो के महाधर्माध्यक्ष फिलिप्पी केवेदरावगो ने कहा कि मनुष्य
ईश्वर का प्रतिरूप है उसके मर्यादा की रक्षा की जानी चाहिये ।
इतना ही नहीं उसक
मूल अधिकारों की रक्षा होनी चाहिये विशेष तौर से महिलाओं के अधिकारों को ।
इस
संदर्भ में धर्माध्यक्ष दक्षिणी अफ्रीका के उमताता के धर्माध्यक्ष ने लोगों का ध्यान
इस ओर खींचा कि अफ्रीकी समाज में कई रूढि़वादी परंपरायें जो अफ्रीकी समाज की प्रगति में
बाधक हैं।
इसके अनुसार अधिकारी अपने अधीनस्थ लोगों से और पति अपनी पत्नी से क्षमा
नहीं माँगते।