वाटिकन सिटी, 17 अक्तूबर, 2009। अंतरराष्ट्रीय खाद्य दिवस के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने फाव ' फूड एन्ड अग्रीकल्चर ऑर्गानाइजेशन ' के डायरेक्टर जेनरल जाक दियोफ़
को एक पत्र प्रेषित किया।
संत पापा ने कहा कि लोगों के लिये खाद्य पदार्थ उपलब्ध
कराने का अर्थ है उन्हें जीवन की सुरक्षा प्रदान कराना ।
ज्ञात हो कि प्रत्येक
साल 16 अक्तूबर को अन्तराष्ट्रीय खाद्य दिवस मनाया जाता है। और इसी दिन सन् 1946 में
फाव की स्थापना भी हुई थी।
संत पापा ने इस बात के लिये खेद व्यक्त किया है कि
प्रत्येक वर्ष इस बात की घोषणा की जाती है कि लोगों के लिये भोजन की व्यवस्था की जायेगी
पर घोषणा सत्य की धरातल पर खरी नहीं उतरी है।
अपने पत्र में संत पापा ने इस बात
को भी बताया है कि कृषि खाद्य सुरक्षा का एक अहम भाग है साथ ही आर्थिक प्रक्रिया का भी
एक अभिन्न अंग है।
उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि कृषि के विकास के लिये भी
उचित मात्रा में व्यय करने की आवश्यकता है।
कृषि प्रकृति पर निर्भर करती है जो
कि मानव का सीमित साधन है इसलिये राष्ट्रों को इस तरह से व्यवस्था करनी चाहिये कि आने
वाली पीढ़ी को इसका उचित लाभ मिल सके।
संत पापा ने इस अवसर पर इस बात को बल दिया
है कि जो संगठन कृषि के विकास के लिये कार्यरत हैं उन्हें चाहिये कि वे ग्रामीण क्षेत्रों
के विकास के लिये कार्य करें और कृषकों के हितों की रक्षा करें।
उन्होंने आगे
कहा कि खाद्य सुविधायें उपलब्ध कराने का अर्थ यह नहीं है कि लोगों को अधिक सुख-सुविधा
और आराम मिले पर इसका अर्थ है उन व्यक्तियों और परिवारों की ओर ध्यान लगाना जो गरीबी
रेखा के नीचे जीवन जीते हैं।
संत पापा ने आगे लिखा है कि मनुष्य के अनुभव उन्हें
सिखाते हैं कि सिर्फ़ तकनीकि समाधान से मानव के खाद्य सुरक्षा नहीं मिल सकती है ज़रूरत
है भोजन को मानव को मौलिक अधिकार बनाना।
पोप ने आगे कहाकि काथलिक कलीसिया चाहती
है कि लोग ग़रीबों के करीब रहें और उन प्रयासों में सरकार का समर्थन करें जिससे खाद्य
सुरक्षा प्राप्त हो सके।