2009-10-10 16:35:22

संत पापा 5 धन्य आत्माओं को संत घोषित करेंगे


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें रविवार 11 अक्टूबर को रोम स्थित संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग के समय 5 धन्य आत्माओं को संत घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान करेंगे। संत घोषित किये जानेलवालों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

धन्य सिगमुंड फेलिक्स फेलिनस्की इनका जन्म 1822 को तात्कालीन पोलैंड के वोलिनिया प्रांत के वोजुतेन में हुआ था जो बाद में उक्रेन में शामिल कर लिया गया। धर्माध्यक्ष फेलिनस्की का निधन 1895 को हुआ। इन्होंने 1857 में कोंग्रेगेशन औफ द फ्रांसिस्कन सिस्टर्स औफ द फैमिली औफ मेरी नामक धर्मसमाज की स्थापना की। इन्हें संत पापा जोन पौल द्वितीय ने क्राकाओ के ब्लोनिया में 18 अगस्त 2002 को धन्य घोषित किया था।

धन्य फ्रांसिस्को कोल ये गुईतार्त । दोमिनिकन सिस्टर्स औफ द अननसियेशन धर्मसमाज के संस्थापक पुरोहित गुतार्त का जन्म स्पेन के जेरोना प्रांत में विक धर्मप्रांत के अंतर्गत गोमबरेन में सन 1812 को हुआ था। इनका निधन 2 अप्रैल 1875 को विक में हुआ। इन्हें संत पापा जोन पौल द्वितीय ने 29 अप्रैल 1979 को धन्य घोषित किया था।

कुष्ठ रोगियों के प्रेरित धन्य जोसेफ दे देमियन वेउस्तर इनका जन्म बेलजियम के त्रेमेलो में 3 जनवरी 1840 को हुआ था। इन्होंने कोंग्रेगेशन औफ द सेक्रेड हार्ट हार्टस औफ जीसस एंड मेरी धर्मसमाज में प्रवेश किया तथा पुरोहित बनने के बाद वे मिशन कार्य़ के लिए हवाई द्वीप में होनोलूलू पहुँचे। उन्होंने निकटवर्ती मोलोकाई द्वीप के कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। धन्य डेमियन का निधन 15 अप्रैल 1889 को हुआ।

धन्य रफायल आरनेज बारोन धर्मसमाजी एवं मठवासी रफायल का जन्म स्पेन के बुरगोस में 9 अप्रैल 1911 को तथा निधन 26 अप्रैल 1938 को 27 वर्ष की आयु में हुआ। संत पापा जोन पौल द्वितीय ने सांतियागो दि कोमपोस्तेला में आयोजित विश्व युवा दिवस समारोह के अवसर पर 19 अगस्त 1989 को इन्हें युवाओं के आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया था तथा उन्हें 27 सितम्बर 1992 को धन्य घोषित किया था। धन्य रफायल आरनेज बारोन बीसवीं सदी के महान रहस्यवादियों में से एक हैं। उनका जीवन और उनके अनेक आध्यात्मिक लेख उनलोगों के लिए बहुत लाभदायक हैं जो पवित्रता का जीवन जीना चाहते हैं।

धन्य मारी दे ला क्रोइक्स जेन जुगन इनका जन्म फ्रांस के कानकाले के ब्रिटनी में 1792 को तथा निधन 1879 को हुआ। इन्होंने कांग्रिग्रेशन ओफ लिटल सिस्टर्स ओफ पुअर की स्थापना की। इन्हें संत पापा जोन पौल द्वितीय ने 3 अक्तूबर 1982 को संत पेत्रुस महामंदिर में आयोजित समारोह में धन्य घोषित किया था।








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