धर्माध्यक्ष औऱ पुरोहित ख्रीस्तीय विश्वास मजबूत करें – कार्डिनल तौरान
वाटिकन सिटी, 9 अक्तूबर, 2009। अंतरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के
अध्यक्ष कार्डिनल दौरान जान लुईस तौरान ने बैसे लोगों पर चिंता जतायी है कि जो विभिन्न
संप्रदायों के द्वारा स्वीकार किये जाते हैं और बाद में पुरोहितों से आग्रह करते हैं
कि वे उन्हें विश्वास प्रशिक्षण दें।
कार्डिनल तौरान ऩे उक्त बातें उस समय कहीं
जब वे दूसरी अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय महासभा में सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
इस
अवसर पर बोलते हुए कार्डिनल ने इस बात पर बल दिया कि अफ्रीका के लोग स्वभाविक रूप से
धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम और ईसाई धर्म के आगमन के वर्षों
पूर्व वे ईश्वरीय शक्ति पर विश्वास करते थे।
वास्तव में ईसाई मिशनरियों ने अफ्रीका
के लोगों को ईश्वर के बारे में जानकारी नहीं दी क्योंकि उन्हें ईश्वर का ज्ञान पहले से
था।
मिशनरियों ने उनके लिये येसु मसीह को दिया। कार्डिनल ने कहा कि इस्लाम धर्म
ने अपने विस्तार के लिये विभिन्न स्कूल खोले हैं और दूसरी ओर विभिन्न सम्प्रदायों के
लोग भी ईसाइयों को प्रभावित कर रहे हैं जिससे ईसाई का जीवन अस्थिर हैं।
उन्होंने
कहा कि उसकी समिति सदा इस बात का समर्थन करती रहेगी कि धर्माध्यक्ष अपने धर्मप्रांतों
में पुरोहितों और धर्मसमाजियों को विश्वास प्रशिक्षण दें ताकि लोगों का विश्वास मजबूत
हो सके।
विभिन्न संप्रदायों का उत्पन्न होना ईसाइयों के लिये इस बात का भी निमंत्रण
है कि पुरोहित और धर्म समाजी लोगों को ख्रीस्तीय विश्वास के बारे में और बेहतर तरीके
से समझायें।
इस अवसर पर बोलते हुए पवित्र पूजन विधि और संस्कार के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति के पूर्व प्रीफेक्ट कार्डिनल फ्रांसिस आरिंजे ने धर्माध्यक्षों औऱ पुरोहितों से
कहा कि वे ख्रीस्तीय विश्वास को मजबूत करें और मेल-मिलाप न्याय और शांति के बारे में
लोगों को बतायें।