2009-10-07 12:25:43

हाँग काँगः चीन के 91 वर्षीय भूमिगत काथलिक धर्माध्यक्ष का निधन


हाँग काँग से प्राप्त समाचारों में बताया गया कि चीन में वेनझो प्रान्त के 91 वर्षीय भूमिगत काथलिक धर्माध्यक्ष जेम्स लिन ज़िली का चार अक्तूबर को निधन हो गया। धर्माध्यक्ष ज़िली का पार्थिव शरीर उनके जन्मस्थल येकिंग पहुँचा दिया गया है जहाँ दस अक्तूबर को उनकी अन्तयेष्टि सम्पन्न होगी। धर्माध्यक्ष ज़िली ने अपने काथलिक विश्वास के कारण 16 वर्ष चीनी श्रम शिविरों में व्यतीत किये। अत्यधिक बीमार एवं कमज़ोर होने के बावजूद धर्माध्यक्ष पर हर पल पुलिस का कड़ा पहरा रहता था।

19 अक्तूबर सन् 1918 में येकिंग में जन्में धर्माध्यक्ष जेम्स लिन ज़िली सन् 1944 ई. में पुरोहित अभिषिक्त हुए थे। सन् 1948 में आपने फू रेन काथलिक विश्वविद्यालय से डॉक्टरेड की उपाधि प्राप्त की। चीन में साम्यवादी शासन के आरम्भिक काल में आपने नींगबो धर्मप्रान्त में प्रेरितिक सेवाएँ अर्पित कीं। सन् 1955 ई. में धर्माध्यक्ष ज़िली काथलिक विश्वास की अभिव्यक्ति के लिये गिरफ्तार कर लिये गये तथा 16 वर्षों तक श्रम शिविरों में यातनाएँ भोगते रहे। सन् 1971 में माओ के देहान्त के बाद उन्हें रिहा किया तब से ही उन्होंने चीन में ध्वस्त गिरजाघरों की मरम्मत का कार्य करवाया तथा कई प्रेरितिक केन्द्रों की स्थापना की। सन् 1992 में गुप्त रूप से आपको वेनझो का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया किन्तु चीनी धार्मिक मामलों के कार्यालय ने इस नियुक्ति को कभी मान्यता नहीं दी तथा धर्माध्यक्ष ज़िली के सभी कार्यों को अवैध घोषित कर उनपर निगरानी रखना शुरु कर दिया। सन् 2003 में चीनी अधिकारियों ने धर्माध्यक्ष को उनके ही निवास में नज़रबन्द कर दिया और तब से ही वे बीमार चल रहे थे।

ग़ौरतलब है कि चीन की साम्यवादी सरकार केवल सरकार नियंत्रित देशभक्त चीनी कलीसिया के माध्यम से ही धर्मपालन की अनुमति देती है। स्वतंत्र रूप से धर्मपालन करनेवालों को नाना प्रकार उत्पीड़ित किया जाता है।








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