छात्र-छात्राओं ने मिलकर अफ्रीका के लिये प्रार्थना की।
वाटिकन सिटी, 5 अक्तूबर,2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने रोम के युनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं
के साथ मिलकर अफ्रीका के लिये रोजरी माला प्रार्थना की।
संत पापा ने प्रार्थना
करने के बाद छात्रों से कहा कि वे अपने पूरे जीवन को माता मरिया को सौंप दें। माता मरिया
विद्या की रानी हैं।
माता मरिया ही कलीसिया की मार्गदर्शिका है और पूरे अफ्रीका
महाद्वीप को भी वे ही रास्ता दिखायेंगी। ज्ञात हो कि संत पापा ने 4 अक्तूबर को ही अफ्रीका
महाद्वीप के धर्माध्यक्षों की दूसरी महासभा का उद्घाटन किया जो 25 अक्तूबर को समाप्त
हो जायेगा।
महाधर्माध्यक्षों की महासभा की विषयवस्तु है - ' सेवा, वार्ता न्याय
और शांति को समर्पित अफ्रीकी की काथलिक कलीसिया।'
रोजरी माला प्रार्थना सभा का
आयोजन महाधर्माध्यक्षीय सिनोद के महासचिव की पहल पर किया गया था। मोनसिन्योर लोरेन्जो
लियुज्जी ने बताया कि इसी प्रकार की रोजरी प्रार्थना समारोह अगले सप्ताह रविवार को सम्पन्न
की जायेगी।
इस प्रार्थना सभा में अफ्रीकी देशों के अन्य छात्रों साटेलाइट के द्वारा
दी जायेगी। जिन शहरों में इसकी व्यवस्था की गयी है वे हैं कैरो नैरोबी खार्तुम अनतानानारिभो
जोहान्सबर्ग ऑनित्सा किनशासा मापुतो और ओवाकादोगो।
इससे युनिवर्सिटी के छात्रों
को महासभा की ताज़ा जानकारी प्राप्त होती रहेगी। ऐसा होने से विद्यार्थी सीधे रूप में
संत पापा से संपर्क कर पायेंगे और संत पापा भी उनसे बातचीत कर पायेंगे।
लेउज्जी
ने बताया कि यह प्रार्थना और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्त्वपूर्ण समय होगा।
उन्होंने
यह भी कहा कि रोजरी माला सुसमाचार के जैसे ही लोगों को जोड़ने का कार्य करती है और लोगों
को इस बात के लिये प्रेरित करती है कि वे सबों के हितों के लिये कार्य करने लगते हैँ।