हिन्दु कट्टरपंथी की समस्या चर्च और राष्ट्र की सबसे बड़ी चुनौति- फादर पिन्टो
राँची 3 अक्तूबर, 2009। एसोशियेशन ऑफ रेक्टर्स ऑफ मेजर सेमिनरी ने कहा है कि हिन्दु कट्टरपंथी
की समस्या चर्च और राष्ट्र की सबसे बड़ी चुनौति है जिसके समाधान के लिये वे ठोस कदम उठायेंगे।
ज्ञात हो कि फादर जोसेफ प्रसाद पिंटो को संत अलबर्टस कॉलेज में सम्पन्न महासभा में
एसोसिशन का अध्यक्ष चुना गया है। उकान समाचार से बात करते हुए फादर पिन्टो ने कहा
है कि भारत के सेमिनरी के रेक्टरों ने यह निर्णय लिया है कि वे अल्पसंख्यकों और पुरोहितों
तथा धर्मसमाजियों पर हो रहे आक्रमणों की रक्षा के लिये ठोस उपाय ढूँढ़ेंगे। उन्होंने
आगे कहा कि वे चाहते हैं कि पुरोहितों को ऐसा प्रशिक्षण दे की वे कट्टरवाद की समस्या
का समाधान खोज सकें। उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि वे हिंदु कट्टरवादिता को कभी
भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं विशेषकरके ऐसे समय में जब वे लोगों को धर्म के नाम पर बाँटते
हैं। उन्होंने कहा कि काथलिक पुरोहितों को चाहिये कि वे हिंदु धर्म की विशेषताओं
को बतायें और हिंदु कट्टरवादिता की बुराइयों से भी लोगों को अवगत करायें। ज्ञात
हो कि 25 से 28 सितंबर तक पूरे भारत के लैटिन राइट के मेजर सेमिनरी के 53 रेक्टरों ने
झारखंड की राजधानी राँची में आयोजित सभा में भाग लिया। सभा की विषयवस्तु थी " मिशन के
लिये प्रशिक्षण "। आर्मस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा है कि वे क्षेत्र में बढ़ते
हिंदु कट्टरवाद को देखते हुए इस बात का मूल्यांकन करना आवश्यक हो गया है कि सेमिनरी के
प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण कैसे दिया जाये ताकि भविष्य के पुरोहित साम्प्रदायिक समस्याओं
का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से कर सकें।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं
कि देश के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की रक्षा हर हाल में प्रयास किये जायेंगे।
फादर पिन्टो ने सेमिनरी के प्रशिक्षुओं को इस बात के लिये प्रोत्साहन दिया है कि
वे हिंदु कट्टरवाद का अध्ययन करें मानवाधिकार के लिये कार्ये करें और मीडिया के द्वारा
लोगों को जाग़त करें ताकि साम्प्रदायिक और तोड़ने वाली ताकतों को उचित ज़वाब दिया जा
सके।