पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने संत पापा बेनेडिकट 16 वें के साथ मुलाकात की
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने गुरूवार पहली अक्तूबर को कास्तेल गोंदोल्फे
स्थित प्रेरितिक प्रसाद में संत पापा बेनेडिकट 16 वें का साक्षात्कार किया। इसके बाद
वे वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने और महाधर्माध्यक्ष दोमनिक मेमबोरती
के साथ मिले। बताया गया है कि संत पापा के साथ उनकी मुलाकात सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न
हुई। इस अवसर पर पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और
सब पहलूओं में और अधिक सहनशील तथा सौहार्दपूर्ण समाज की रचना करने के समर्पण पर विचारों
का आदान प्रदान किया गया। इसके साथ ही देश में शैक्षणिक, चिकित्सा संस्थानों और राहत
सहायता गतिविधियों द्वारा समाज के जीवन में काथलिक कलीसिया की सकारात्मक भूमिका पर भी
चर्चा की गयी। हाल ही में कुछेक स्थानों में ईसाई समुदायों के खिलाफ की गयी हिंसा की
घटनाओं पर चर्चा करते हुए धर्म के आधार पर किये जानेवाले सब प्रकार के भेदभावों को दूर
करने की जरूरत पर बल दिया गया ताकि सब नागरिकों के अधिकारों के प्रति सम्मान का प्रसार
किया जा सके। पाकिस्तान की मुसलमान बहुल जनसंख्या में ईसाई और हिन्दु दोनों समुदाय मिलकर
आबादी का मात्र 5 प्रतिशत हैं। ज्ञात हो कि विगत माहों में अनेक हिंसक घटनाओं में मुसलमान
कटटरपंथियों के हाथों अनेक ईसाईयों की हत्या हो गयी थी। इस संदर्भ में ईसाईयों की माँग
है कि ईशनिन्दा कानून को समाप्त कर दिया जाये। 1986 से प्रभावी इस कानून का निजी स्वार्थ
के लिए कई बार दुरूपयोग किया गया है। कानून के तहत पैगम्बर मुहम्मद या पाक कुरान की अपकीर्ति
करने पर आजीवन कैद या मृत्युदंड देने का प्रावधान है। वर्ल्ड कौंसिल ओफ चर्चेस के अनुसार
यह कानून अल्पसंख्यक समुदायों को भय और आतंक के माहौल में जीवन जीने के लिए बाध्य करता
है क्योंकि इसका उपयोग बहुधा व्यवसायिक या आर्थिक मामलों में अल्पसंख्यकों को सज़ा देने
के लिए होता है।