प्रागः सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें चेक गणतंत्र में अपनी यात्रा से सन्तुष्ट
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें सोमवार को चेक गणतंत्र में अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा
सम्पन्न कर पुनः रोम लौट आये। चेक गणतंत्र में किये अपने प्रवचनों में उन्होंने एक बार
फिर सम्पूर्ण यूरोप से आग्रह किया कि वह अपनी ख्रीस्तीय जड़ों का स्मरण करे जिसके सिद्धान्तों
पर ही महाद्वीप की नींव टिकी है। चेक गणतंत्र में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की
यह प्रथम तथा इटली से बाहर 13 वीं प्रेरितिक यात्रा थी। वाटिकन ने इस यात्रा को सफल बताया
है तथा चेक गणतंत्र के राष्ट्रपति वात्सलाव क्लाऊस ने इसे एक अति सफल एवं असाधारण घटना
निरूपित किया है। वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी कहा कि सन्त पापा पूर्व
साम्यवादी देश द्वारा दिये गये प्रत्युत्तर से सन्तुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि देश में
व्याप्त समस्याओं का समाधान यद्यपि वाटिकन नहीं दे सकता तथापि सन्त पापा के सन्देशों
ने लोगों में विश्वास एवं आशा का संचार किया है तथा अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों के उत्साह
को बढ़ाया है। भूतपूर्व नास्तिक साम्यवादी शासन के अत्याचारों के सन्दर्भ में सन्त
पापा ने यह कहकर विश्वासियों में आशा एवं साहस का संचार किया कि जो लोग ईश्वर एवं धर्म
को अपने जीवन से अलग कर देते हैं उनका पतन निश्चित होता जैसा कि बीस वर्षों पूर्व यूरोप
में साम्यवादी सत्ताओं का हुआ।