2009-09-26 14:35:25

प्राग अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर संत पापा का सम्बोधन


चेक गणराज्य की राजधानी प्राग के अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सहर्ष स्वागत किया गया। राष्ट्रपति वाकलाव क्लाउस ने देशवासियों की ओर से संत पापा का स्वागत किया। तदोपरांत संत पापा ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चेक गणराज्य आकर उन्हें बहुत खुशी है। युवा जोड़े द्वारा दिये गये उपहार से वे बहुत प्रभावित हुए जो मातृभूमि के धूल सहित इस देश की संस्कृति के प्रतीक को व्यक्त करते हैं। चेक संस्कृति में बहुत अधिक अधिक गहराई तक ईसाईयत का प्रभाव रहा है। उपहार के प्रतीक रोटी और नमक की नये व्यवस्थान की प्रतीकात्मक भाषा में विशिष्ट सार्थकता है। सम्पूर्ण यूरोप की संस्कृति की रचना करने में ईसाई विरासत का गहन प्रभाव रहा है, यह चेक भूमि में विशेष रूप से सच रहा है। नवीं सदी में संत सिरिल और संत मेथोदियुस के मिशनरी प्रयासों से पुरानी स्लाविक भाषा लिखी गयी। स्लाविक जनता के प्रेरित और उनकी संस्कृति के संस्थापक सही मायने में यूरोप के संरक्षक के रूप में वंदनीय हैं। इसके साथ ही यह स्मरण करना सार्थक होगा कि बिजेन्टाइन परमपरा के इन दो महान संतों ने पश्चिम के लातिनी मिशनरियों का भी साक्षात्कार किया।

सम्पूर्ण इतिहासकाल में यह भूमि अनेक लोगों, परम्पराओं और संस्कृतियों का मिलन स्थल रहा है। इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि यदा कदा खींचतान हुई लेकिन दीर्घकाल में ये साक्षात्कार फलप्रद सिद्ध हुए। चेक गणराज्य की भूमि यूरोप के बौद्धिक, सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में चेक गणराज्य की भूमि ने सार्थक भूमिका अदा की है। यदा कदा रणक्षेत्र के रूप में लेकिन बहुधा सेतु के रूप में काम किया है। आगामी माहों में वेलवेट क्रांति की 20 वीं वर्षगांठ मनायी जायेगी जिसके कारण देश में कष्टप्रद परिस्थिति को समाप्त कर शांति की स्थापना हुई। नये विचारों और सांसकृतिक प्रभावों को सख्ती से नियंत्रित किया जाता था। अत्याचारी शासन से मुक्ति पाने के लिए धन्यवाद देने में मैं आपके और आपके पड़ोसियों के आनन्द में शामिल होता हूँ। बर्लिव दीवार के गिरने के साथ ही विश्व इतिहास में व्यापक परिवर्तन आया तो इसका प्रभाव केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप पर पडा अनेक देशों को अपना उचित स्थान लेने में समर्थ बनाया। 40 चालीस के राजनैतिक दमन के प्रभाव को कम नहीं आंका जा सकता है। विशइष्ट त्रासदी रही कि सरकार द्वारा कलीसिया की पुकार को मौन करने का निर्मम प्रयास किया गया। संत वेचेस्लाव, संत लुदमिला,संत अदालबर्त के समय से लेकर संत जोन नेपोमुक के समय तक अनेक शहीदों की निष्ठा ने येसु ख्रीस्त के बारे में व्यापक रूप से साक्ष्य दिया। इस वर्ष प्राग के महाधर्माध्यक्ष रहे प्रभु सेवक कार्डिनल जोसेफ बेरान की मृत्यु की 40 वीं वर्षगांठ है। मैं उनके उत्तराधिकारी कार्डिनल फ्रांतिसेक तोमासेक का अभिवादन करता हूँ जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ उन्होंने अत्याचार के सामने ख्रीस्तीय साक्ष्य का प्रदर्शन किया। अनेक साहसी पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मी स्त्री पुरूषों ने इस देश में विश्वास की मशाल को जलाये रखा है। धार्मिक स्वतंत्रता पुर्नबहाल की गयी है। मैं चेक गणराज्य के सब नागरिकों का आह्वान करता हूँ कि वे ईसाई परम्पराओं की पुर्नखोज करें जिसने उनकी संस्कृति को रचा। मैं ईसाई समुदाय को आमंत्रित करता हूँ कि वह अपनी आवाज को बुलंद करे ताकि उनकी पुकार सुनी जाये जब नई सहस्राब्दि की चुनौतियों का यह देश सामना कर रहा है। ईश्वर के बिना मानव नहीं जानता है कि किस दिशा में जाये और न ही अपने अस्तित्व के बारे में समझ सकता है। सुसमाचार का सत्य स्वस्थ समाज के लिए अपरिहार्य़ है क्योंकि यह उसे आशा के लिए खोलता है तथा ईश्वर की संतान के रूप में अपनी मर्यादा की पुर्नखेज करने में समर्थ बनाता है।

राष्ट्रपति महोदय मैं जानता हूँ कि आप देश के मामलों में धर्म की और अधिक भूमिका देखना चाहते हैं। प्राग के किला के ऊपर फहर रहे झंडे में यह आदर्श वाक्य लिखा है- सत्य की जीत होती है। उनकी कामना है कि सत्य का प्रकाश देश को मार्गदर्शन प्रदान करना जारी रखे। यह देश अपने इतिहास काल में अनेक महान संतों और शहीदों के साक्ष्य से आशीष प्राप्त करता रहा है। इस वैज्ञानिक युग में मोराविया के अगुस्तीनियन मठवासी जोहान ग्रेगोर मेंडल का स्मरण करना शिक्षाप्रद है जिसने अग्रणी शोध द्वारा आधुनिक जेनेटिक्स की नींव डाली। विश्वास की प्रज्ञा तथा तर्क के अंतदृष्टि के वैध संयोजन से ही मानवता की यथार्थ प्रगति होती है। संत पापा ने कामना की कि इस सुखद संश्लेषण से चेक गणराज्य के नागरिक सदैव लाभ प्राप्त करें।








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