2009-09-25 15:55:33

विश्व पर्य़टन दिवस के लिए संदेश


प्रवासियों और यायावरों की प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने 27 सितम्बर को मनाये जानेवाले विश्व पर्य़टन दिवस के लिए संदेश प्रकाशित करते हुए पर्य़टन को विविधताओं का समारोह मनाना कहा है। टूरिज्म सेलेबरेटिंग डाइवरसिटी शीर्षक से जारी संदेश में कहा गया है कि यह शीर्षक हमारे लिए विविधताओं और मानवशाश्त्रीय समृ्द्धि सहित मानव प्राणी को मिलने का पथ खोलता है। विविधता न केवल सच लेकिन हकीकत, सकारात्मक तत्व है। यह चुनौती या खतरा नहीं है। संत पापा बल देते हैं कि लोग न केवल अनेक संस्कृतियों के अस्तित्व को स्वीकार करें लेकिन उनसे समृद्ध होने की इच्छा रखें। संदेश में कहा गया है कि विविधता का अनुभव मानव अस्तित्व का अंग है क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति के विकास और प्रौढ़ता की प्रक्रिया का प्रसार करती है। यह क्रमिक खोज है। जो भिन्न है उसकी सकारात्मक समीक्षा करते हुए हम एक प्रकार का विरोधाभास पाते हैं। एक ओर वैश्वीकरण के दौर में संस्कृतियाँ और धर्म एक दूसरे के और अधिक निकट आ रहे हैं और सब संस्कृतियों के मूल में शांति के लिए यथार्थ इच्छा उत्पन्न हो रही है। दूसरी ओर गलतफहमी, पूर्वाग्रह और गहन रूप से स्थापित भ्रमों के कारण बाधाएँ और विभाजन उत्पन्न होती हैं। हम हर प्रकार के विभाजनों, नस्लवाद और असहिष्णुता को दूर कर आदर, शिक्षा और रचनात्मक वार्ता द्वारा समझदारी एवं परस्पर स्वीकृति को बढ़ावा दें। पर्य़टन वार्ता करने और एक दूसरे को सुनने का अवसर प्रदान करता है साथ ही दूसरों की जीवनशैली, अन्य धर्मों, दुनिया तथा इसके इतिहास को देखने के तौर तरीकों से सम्पर्क कराता है। संदेश में कहा गया है कि पर्य़टक और स्थानीय नागरिक दोनों खुलेपन, आदर, निकटता के भाव सहित एक दूसरे की व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का सम्मान करें ताकि संवाद और समझदारी के लिए वे खुले रहें।








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