पोत्सनान, पोलैण्डः निर्धनों के लिये जाली औषधियों से वाटिकन नाराज़
वाटिकन ने शिकायत की है कि निर्धन देशों को बेची जा रही औषधियों में 50 प्रतिशत तक जाली
हो सकती हैं।
पोलैण्ड के पोत्सनान नगर में सोमवार को यूरोप के काथलिक भेषजज्ञों
एवं औषध निर्माताओं का चार दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन "चिकित्सीय सुरक्षा के
क्षेत्र में भेषजज्ञों के लिये नैतिकता एवं चेतना" विषय पर केन्द्रित रहा।
सम्मेलन
में औषध विशेषज्ञों एवं निर्माताओं को सम्बोधित कर स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष ज़ीगमण्ड ज़िमोव्सकी ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि
अफ्रीका को बेची जानेवाली पचास प्रतिशत दवाएँ नकली होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा
हाल में प्रकाशित रिपोर्टों का हवाला देते हुए महाधर्माध्यक्ष महोदय ने बताया कि अफ्रीका
में पचास प्रतिशत तथा दक्षिण पूर्वी एशिया एवं लातीनी अमरीका को बेची जानेवाली 30 प्रतिशत
तक दवाएँ नकली हुआ करती हैं।
उन्होंने कहा कि जाली दवाओं का सर्वाधिक दुष्परिणाम
बच्चों पर पड़ता है जो मंहगी किन्तु जाली एन्टाबायोटिक एवं जाली टीकों का कहर झेलते हैं।
उन्होंने बताया कि अफ्रीका में प्रतिवर्ष हज़ारों बच्चे श्वास सम्बन्धी बीमारियों के
कारण सिर्फ इसलिये मरते हैं कि उन्हें जाली दवाएँ पिलाई जाती हैं।
सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहा कि विकासशील एवं निर्धन देशों
को बेची जानेवाली जाली दवाओं को समाप्त करने के लिये आज नीतिपरक मापदण्डों को निर्धारित
करना अनिवार्य हो गया है।