संत पापा की चेक गणराज्य की यात्रा से ख्रीस्तीय विश्वास मजबूत होगा
वाटिकन सिटी, 14 सितंबर, 2009। वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदिरिको लोमबार्दी ने
कहा है कि 26 से 28 सितंबर तक चेक गणराज्य़ में चलने होने वाली संत पापा की प्रेरितिक
यात्रा से चेक निवासी ख्रीस्तीयता को गहराई से जान पायेंगे।
उक्त बातों की जानकारी
फादर लोमबार्दी ने उस समय दीं जब वे वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम के अंतर्गत
' ऑक्तावा दियेस ' नामक कार्यक्रम में संत पापा की प्रेरितिक यात्राओं पर टिप्पणी कर
रहे थे।
संत पापा पराग्वे औऱ ब्रूनो की प्रेरितिक यात्रायें भी करेंगे। वाटिकन
प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर लोमबार्दी ने कहा कि संत पापा की यह यात्रा महत्त्वपूर्ण
है क्योंकि चेक गणराज्य यूरोप के केन्द्र में है जहाँ की सभ्यता के विकास में चर्च ने
अपने विशेष योगदान दिया है।
इस देश में 20 साल पहले कम्युनिस्ट सरकार थी और अब
प्रजातंत्र का शांतिपूर्ण विकास हो रहा है।
इतना ही नहीं चेक गणराज्य के बारे
में एक और विशेष बात यह रही है कि जो लोग धार्मिक रीति-विधियों के अनुपालन करते हैं,
उनकी संख्या कम होती जा रही है।
वाटिकन के प्रवक्ता ने बताया कि संत पापा चेक
गणराज्य के लोगों को इस बात को बताना चाहते हैं कि वे ईश्वर पर अपनी आस्था को बनाये रखें
और पूरी आशा के साथ अपना जीवन जीते रहें।
संत पापा लोगों को यह भी बताना चाहते
हैं कि वे ऐसा जीवन जीयें ताकि इससे आने वाली युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। फादर
लोमबार्दी ने यह आशा व्यक्त की है कि संत पापा अन्तरकलीसियाई वार्ता के लिये भी लोगों
को आमंत्रित करेंगे ताकि एक धर्मनिर्पेक्ष समाज का निर्माण हो सके।
उन्होंने आगे
बताया कि संत पापा इस बात की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे कि यूरोपीय एकता सिर्फ
आर्थिक मामलों में न हो पर यह ऐसा हो कि इससे मानव को मानव होने की मर्यादा प्राप्त हो
सके और लोग मानवीय मूल्यों का सम्मान कर सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि संत पापा
ने चेक यात्रा का समय सितंबर महीने में चुना क्योंकि इसी समय यहाँ राष्ट्रीय त्योहार
मनाया जाता है, जिनका संरक्षक संत है - संत वेन्सलास।
उन्होंने आशा जतायी है
कि संत पापा की प्रेरितिक यात्रा से चेक गणराज्य के लोगों अपने ख्रीस्तीय जीवन में मजबूत
हो पायेंगे।