2009-09-12 12:42:07

विकास के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा निरक्षरता - संत पापा


वाटिकन सिटी, 12 सितंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है निरक्षरता विकास के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है।

संत पाप ने उक्त बातों की जानकारी उस समय दी जब उन्होंने 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर यूनेस्को के निदेशक कोईचिरो मतसूरा को एक पत्र प्रेषित किया। संत पापा के पत्र को वाटिकन के राज्य सचिव कार्डिनल बेरतोने ने यूनेस्को के निदेशक तक पहुँचाया।

संत पापा ने इस पत्र में कहा है कि भूख, ग़रीबी और बीमारी की समस्या तो विकास के मार्ग में बाधा है पर निरक्षरता विकास की गाड़ी को आगे बढ़ने नहीं देती है।

संत पापा ने कहा है कि वे संयुक्त राष्ट्र संघ द्रारा आरंभ किये गये साक्षरता अभियान का पूरा समर्थन करते हैं।

अपने पत्र के द्वारा संत पापा ने उन सभी लोगों की सराहना की है जो साक्षरता के लिये यूनेस्को के साथ जुड़े हुए हैं।

साक्षरता के महत्त्व की चर्चा करते हुए संत पापा ने कहा है कि साक्षरता विकास के लिये अति महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को इस योग्य बनाती है कि वह सामाजिक जीवन में सक्रिय रूप से सहभागी हो और विकास के लिये खुद ही ज़िम्मेदारी ले सके।
इस पत्र के द्वारा संत पापा ने अपने हाल में लिखे दस्तावेज़ ' कारितास इन वेरिताते ' की भी चर्चा की और कहा कि साक्षरता समाज को मजबूत कर सकती है लोगों के प्रजातांत्रिक जीवन को सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण हो सकती है।

संत पापा ने इस बात की चर्चा की कि विश्व के जो लोग निरक्षर हैं उनमें दो तिहाई लोग महिलायें हैं।

इस पत्र के द्वारा संत पापा ने उन लोगों के लिये विशेष प्रार्थना भी की जो साक्षरता अभियान में जुड़े हुए हैं और आश्वासन दिया कि वे सदा उनका साथ देते रहेंगे।








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