संत पापा ने पारिस्थितिकी के धार्मिक आयाम पर बल दिया
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वे ने पारिस्थितिकी के धार्मिक आयाम पर बल दिया है। उन्होंने कहा
है कि सृ,ष्टि मानवजाति के प्रचि ईश्वर के प्रेम की अभिव्यक्ति है। संत पापा ने सबलोगों
का आह्वान किया है कि पर्य़ावरण और प्रकृति की रक्षा करने के लिए इनके आध्यात्मिक और धार्मिक
आयाम की खोज करें। संत पापा ने उक्त आशय की पु,ष्टि की जब वे स्पेन के जारागोसा में 2008
में जल और धारणीय विकास शीर्षक से आयोजित प्रदर्शनी में भाग लेनेवाले परमधर्मपीठीय विभाग
को समर्थन प्रदान करनेवाले आयोजकों के एक समूह को गुरूवार को कास्तेल गोंदोलफो स्थित
प्रेरितिक निवास में सम्बोधित कर रहे थे। प्रर्दशनी में विभिन्न देशों, स्वतंत्र समुदायों
और व्यवसायिक समूहों के लगभग 130 प्रतिभागियों ने भाग लिया था जिन्होंने जल और धारणीय
विकास से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों को प्रदर्शित किया था। परमधर्मपीठीय विभाग ने जल
के मानवीय और दिव्य तत्वों पर चिंतन प्रस्तुत किया था। परमधर्मपीठ का विभाग प्रदर्शनी
में सर्वाधिक लोगों द्वारा देखे गये विभाग में से एक था जहाँ चर्च की अनमोल कलात्मक,
सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों का प्रदर्शन किया गया था। 93 दिनों की प्रदर्शनी के दौरान
4 लाख 53 हजार एक सौ अड़सठ दर्शक इस विभाग की भेट किये। संत पापा ने कहा कि इस पहल का
लक्ष्य अनेक दर्शकों को अवसर उपलब्ध कराना था ताकि वे मानव जीवन के लिए जल की सार्थकता
और प्राथमिक मह्त्व पर चिंतन कर सकें। उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ ने इस प्रदर्शनी में
भाग लिया ताकि वह न केवल पर्यावरण और प्राकृतिक जगत की रक्षा करने के लिए आकस्मिक जरूरत
को प्रदर्शित करे लेकिन लोग इसके गहन आध्यात्मिक और धार्मिक आयाम की भी खोज करें।