2009-09-10 14:41:29

उड़ीसा में ईसाई विरोधी हिंसा के मामलों में 6 लोगों को न्यायालय ने सज़ा सुनाया


उड़ीसा में चर्च अधिकारियों ने कहा है कि विगत वर्ष हुए ईसाई विरोधी हिंसा के मामलों में 6 लोगों को न्यायालय द्वारा सज़ा दिये जाने से लोगों को बल मिला है और वे अपने संकल्पों में मजबूत हुए हैं। 7 सितम्बर को फास्ट ट्रेक अदालत ने 6 लोगों को दंगा और आगजनी के मामलो में दोषी करार देते हुए चार वर्ष के कारावास और दो हजार रूपये जुर्माना देने की सज़ा सुनाई। अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्तों को तीन माह का जेल की सज़ा होगी। कंधमाल जिले के मुख्यालय फुलबनी स्थित अदालत ने 5 अन्य लोगों को साक्ष्य की कमी होने के कारण बरी कर दिया। ज्ञात हो कि् आदिवासी बहुल कंधमाल जिला हिन्दू चरमपंथियों द्वारा 4 माह तक चलाये गये हिंसा अभियान का केन्द्र रहा थी जिसमें आईसीएनएस समाचार सेवा के अनुसार कम से कम 90 लोग मारे गये थे और 50 हजार लोग विस्थापित हो गये थे। माओवादियों ने कंधमाल में हिन्दू धार्मिक नेता की हत्या कर दी थी उसके बाद 24 अगस्त 2008 से चरमपंथी हिन्दुओं ने हत्या का आरोप ईसाईयों पर लगाते हुए अनेक ईसाई घरों, संस्थानों और गिरजाघरों को नष्ट कर दिया था और जिन लोगों ने हिन्दू धर्म अपनाने से इंकार किया उनकी हत्या कर दी थी। ईसाई विरोधी हिंसा और आगजनी के मामले में राज्य पुलिस ने 831 मामले दर्ज किये थे। एक कलीसियाई अधिकारी के अनुसार पुलिस ने अबतक 310 मामलों में आरोप पत्र सौंपा है और शेष मामलों पर अनुसंधान जारी है। अबतक 84 मामले फास्ट ट्रेक अदालत को सौंपे गये हैं जिसमें 12 मामलों का निपटारा करते हुए मात्र 3 मामलों में अभियुक्तों को सज़ा मिली है।








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