वाटिकन सिटी, 7 सितंबर, 2009। युद्ध को हर हालत में रोका जाना चाहिये। कलीसिया का यह
परम दायित्व है कि यह हरसंभव प्रयास करे कि विश्व को युद्धों से बचाया जा सके।
उक्त
बातें संत पापा के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदिरिको लोम्बार्डी ने उस समय कहीं जब वे द्वितीय
विश्व यु्द्ध के आरंभ होने की 70वीं वर्षगाँठ पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
वाटिकन
प्रेस कार्यालय के फादर लोम्बार्दी ने यह टिप्पणी उस समय की जब वे वाटिकन टेलेविज़न के
" ऑक्तावा दियेस " नाम साप्ताहिक कार्यक्रम में संत पापा जोन पौल द्वितीय और संत पापा
बेनेदिक्त के उन प्रयासों के बारे में चर्चा कर रहे थे जिसमें उन्होंने युद्धपीड़ितों
की सुरक्षा और राहत के लिये योगदान दिया है।
फादर लोम्बार्डी ने संत पापा बेनेदिक्त
की बातों को दुहराते हुआ कहा कि लोगों के मन में आज भी युद्ध से हुई क्षति और बरबादी
की खौफनाक याद है।
इस अवसर पर बोलते हुए वाटिकन के प्रवक्ता ने उन लोगों के लिये
प्रार्थनायें भी कीं जो युद्ध के शिकार हो गये हैं और कहा कि ईश्वर उन लोगों को क्षमा
प्रदान करें जिन्होंने युद्ध को बढ़ावा दिया।
साथ ही ईश्वर लोगों को ऐसी प्रज्ञा
प्रदान करे जिससे मनुष्य के दिलों में शांति और सद्भावना बढ़े।
संत पापा के प्रवक्ता
पोप की उन बातों को भी दुहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि यु्द्ध की विभीषिका के बारे
में लोगों को समझाया जाना चाहिये जो मनुष्य को मनुष्य का बैरी बना देता है।
फादर
लोम्बार्डी ने यह भी कहा कि पोलैंड और जर्मनी के धर्माध्यक्षों ने मिलकर इस बात पर बल
दिया है कि कलीसिया को चाहिये कि वह शांति और मेलमिलाप का वरदान दुनिया को दे।
उन्होंने
आगे कहा कि 70 वर्षों के बाद जब में द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका को याद कर रहे हैं
तो हमें इस बात को भी याद करना चाहिये कि हम एक-दूसरे के क्षमा भी कर सकते हैं।
हमें
आज इस बात के लिये भी प्रण करना चाहिये कि हम और कभी भी युद्ध के सहारे समस्याओं का समाधान
नहीं करेंगे।