श्रीलंका शरणार्थी शिविरों में रह रहे पाँच काथलिक पुरोहित मुक्त
श्रीलंका में गृहयुद्ध के बाद मई माह से शरणार्थी शिविरों में रह रहे पाँच काथलिक पुरोहितों
और दो धर्मबहनों को सरकार ने मुक्त कर दिया है। मन्नार धर्मप्रांत में ओबलेट समाज सेवा
केन्द्र के निदेशक फादर पौल जयानथन पाचेक ने ऊकान समाचार सेवा को बताया कि सरकार द्वारा
सही दिशा में उठाये गये इस कदम की वे सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल से शिविरों
में रह रहे अन्य लोगों को भी आशा मिलेगी। 26 अगस्त को श्रीलंका सरकार ने 177 हिन्दु पुरोहितों
और उनके परिवारों को भी वावुनिया स्थित शिविरों से जाने की अनुमति प्रदान की। फादर पाचेक
ने कहा कि सरकार शिविरों में रह रहे सब लोगों को रिहा करे उन्हें अपने गाँवों में सामान्य
जीवन जीने के लिए सहायता दे। ज्ञात हो कि श्रीलंका सरकार ने दशकों के नागर संघर्ष में
विजय की घोषणा की जब सेना ने मई माह में तमिल टाईगर्स इलम के लड़ाकाओं को पराजित किया।
दो दशक से अधिक समय तक चले संघर्ष के समाप्त हो जाने के बाद जिसमें लगभग 80 हजार लोगों
की मृ्त्यु हो गयी अब भी शरणार्थी शिविरों में लगभग 3 लाख तमिल रह रहे हैं।