कलीसिया को ज्ञानी और पवित्र आध्यात्मिक गुरुओं की ज़रूरत - पोप
वाटिकन सिटी, 26 अगस्त, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि काथलिक कलीसिया
को ज्ञानी और पवित्र आध्यात्मिक गुरुओं की ज़रूरत है ताकि वे न केवल पापस्वीकार संस्कार
प्रदान कर सकें वरन् लोगों की अंतःकरण का भी मार्गदर्शन कर सकेँ। संत पापा उक्त बातों
की जानकारी एक पत्र प्रेषित कर उस समय दी जब उन्होंने इटली के बरलेत्ता में चल रहे 60वें
राष्ट्रीय पूजन विधि सप्ताह समारोह के लोगों को संबोधित किया। संत पापा के संदेश
को सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कार्डिनल बेरतोने ने पढ़ कर सुनाया। पोप का पत्र इटली के सेंटर
ऑफ लिटरजीकल ऐक्शन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष फेलिचे को संबोधित किया गया है। समारोह
की विषय वस्तु है "दया और ईश्वरीय क्षमा का अनुभव"। संत पापा ने अपने पत्र में आगे कहा
है कि काथलिक कलीसिया इस वर्ष मेलमिलाप संस्कार पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। 35
साल पहले मेल मिलाप या पापस्वीकार संस्कार को एक नया रूप दिया गया था। यह सौभाग्य
की बात है कि यह वर्ष पुरोहितों का वर्ष है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी आशा है कि सेमिनार
में इस बात पर विचार-विमर्श किया जायेगा कि ख्रीस्तीय जीवन ही मेल-मिलाप की प्रक्रिया
है। उन्होंने आगे कहा कि आज के युग में पुरोहितों का एक विशेष कार्य यह है कि वे
लोगों के अंतःकरण का मार्गदर्शन करें ताकि उनमे सही और गलत को जानने की क्षमता बढ़े।
इसके साथ ही पुरोहितों को चाहिये कि वे लोगों को मदद करें ताकि वे ख्रीस्तीय जीवन
में मजबूत हो सकें। संत पापा ने पुरोहितों से कहा कि वे अपने इस ज़िम्मेदारी को समझे
और सदा मेल-मिलाप संस्कार संपन्न करने के लिये सदा उत्साहित रहें।