2009-08-24 12:36:29

ग़रीब, कमजोर और ज़रुरतमंदों के कार्य जारी रखेंगी उर्सुलाइन धर्मबहनें


बंगलोर, 24 अगस्त, 2009। उर्सुलाइन धर्मबहनों ने अपने बंगलोर के निवेदिता में चल रहे 64वें जेनरल चैप्टर में इस बात को दुहराया है कि वे एक ऐसी आध्यात्मिकता के लिये कार्य करेंगे जिससे लोगों को नया जीवन और आशा मिल सके।

1 अगस्त को आरंभ हुए इस सेमिनार में ब्राजील इटली और पूरे भारत से तीस प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए मेरी इम्माकुलेट ऑफ पियचेन्सा की उर्सुलाइन धर्मसमाज की सुपीरियन जेनरल ने कहा कि उन्हें चाहिये कि वे येसु का अनुसरण करें, उसके सच्चे सेवक बनें और उन लोगों की सेवा करें जो ग़रीब कमजोर और ज़रुरतमंद हैं।
और ऐसा कर के ही हम लोगों में आशा का संचार कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि मेरी इम्माकुलेट ऑफ पियाचेन्सा की उर्सुलाईन धर्मसमाज को धन्य ब्रिजिदा मोरेल्लो ऑफ जीज़स के द्वारा चार सौ साल पहले स्थापित किया गया था।

इस धर्मसमाज के सदस्यों की संख्या चार सौ है वे करीब 102 देशों में कार्यरत हैं। बंगलौर में सम्पन्न जेनरल चैप्टर का संचालन रोम जेनरल कौसेलर के रूप में कार्यरत जेस्विट फादर लिस्बर्ट डीसूजा ने किया











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