मनीलाः सहभागिता निर्माण के आह्वान के साथ एफ.ए.बी.सी. की बैठक आरम्भ
मनीला में मंगलवार को एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ एफ.ए.बी.सी. की नवीं
पूर्णकालिक सभा आरम्भ हुई जिसमें सहभागिता को मज़बूत करने का आह्वान किया गया।
सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विशेष दूत वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल फ्राँसिस आरिन्ज़े ने
ख्रीस्तयाग अर्पित कर सभा का उदघाटन किया। ख्रीस्तयाग प्रवचन में उन्होंने यूखारिस्त
की रूपान्तरण शक्ति तथा लोगों के बीच सहभागिता एवं एकात्मता के निर्माण में उसकी भूमिका
पर बल दिया।
कार्डिनल महोदय ने कहा कि कलीसिया के लिये यह अत्यधिक महत्वपूर्ण
है कि किस प्रकार एशिया में यूखारिस्त के रहस्य को समझा जाता, उसके अनुरूप जीवन यापन
किया जाता तथा उसका समारोह मनाया जाता है क्योंकि एशिया वह महाद्वीप है जहाँ विश्व की
60 प्रतिशत जनता जीवन यापन करती है।
कार्डिनल आरिन्ज़े ने कहा कि यूखारिस्त में
निहित रूपान्तरण शक्ति का एक उदाहरण है कलीसिया द्वारा निर्धन लोगों को प्रतिष्ठापूर्ण
जीवन यापन के अवसर प्रदान करना। उन्होंने कहा कि यूखारिस्त से ही विश्वासी को उदारता
हेतु प्रेरणा मिलती तथा वह कल्याणकारी कार्यों के लिये उत्सुक होता है।
यूखारिस्त
के मिशनरी आयाम को प्रकाशित करते हुए कार्डिनल महोदय ने कहा, "यूखीरिस्तीय संस्कार में
हम प्रेम का समारोह मनाते हैं जिसे स्वतः तक सीमित नहीं किया जा सकता बल्कि अन्यों में
बाँटा जाना अनिवार्य है।"
एफ.ए.बी.सी. की सभा 16 अगस्त तक जारी रहेगी जिसमें
एशियाई देशों के 120 धर्माध्यक्ष भाग ले रहे हैं।