2009-08-08 13:10:52

प्रमोद मनकिन बांगला देश के प्रथम काथलिक मंत्री


ढाका, 8अगस्त, 2009। बांगला देश के काथलिकों ने प्रथम काथलिक वकील 71 वर्षीय प्रमोद मनकीन को देश के सांस्कृतिक मामलों के राज्य मंत्री बनाये जाने का स्वागत किया है।
प्रमोद मनकीन गारो जनजातीय समुदाय के सदस्य हैं और मयमेनसिंह धर्मप्रांत के निवासी है। वे धार्मिक मामलों में सरकार के लिये अपना योगदान देते रहें हैं।
उकान समाचार को अपनी नियुक्ति के बारे में बताते हुए मनकिन ने कहा कि ईसाइयों के मन में उम्मीद जगना स्वाभाविक है और पूरे देश के लिये अपना ज़िम्मेदारी निभाते हुए मैं यह कदापि नहीं भूलूँगा कि मैं एक ईसाई समुदाय का सदस्य हूँ।
उन्होंने ढाका के अपने सरकारी आवास पर उकान के संवाददाता को यह भी बताया कि उनका दायित्व बड़ा है और वे चाहते हैं कि सांस्कृति मामलों के मंत्री के रूप मे वे राष्ट्रीय संस्कृति की सुरक्षा और प्रसार-प्रचार के लिये अपना योगदान अवश्य ही देंगे।
ज्ञात हो कि सन् 2003 से ही मनकिन अंतरकलीसियाई संगठन बंगला देश क्रिश्चियन एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार से इस बात के लिये दबाव डालेंगे कि वह ख्रीस्तमस और ईस्टर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करे।
मनकिन ने कहा है कि उनकी दूसरी प्राथमिकता होगी 45 अल्पसंख्यक जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिये कार्य करना।
उन्होंने कहा कि कई बार इन जातियों पर मुसलमानों के द्वारा झूठे आरोप लगाये जाते हैं और उन्हें प्रताड़नायें दी जातीं हैं।
मनकिन ने कहा कि वे चाहते हैं कि एक ईसाइयों के लिये एक अन्य आयोग की स्थापना हो जो ईसाइयों के कल्याण के लिये कार्य करे।
बंगला देश के ईसाइयों ने यह आशा व्यक्त की है कि मनकिन के मंत्री बनाये जाने से ईसाइयों और अल्पसंख्यक जनजातियों के अधिकारों की रक्षा हो पायेगी और वे संसद में उनकी आवाज़ बन पायेंगे।
मनकिन ने खुले रूप में इस बात को स्वीकारा है कि चर्च की सहायता से ही उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की और आज उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक नेतृत्व करने का अवसर मिल पाया है।








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