धर्माध्यक्षों ने सशस्त्र डकैती की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए राज्यपाल से सहायता
माँगी
भारत के झारखंड राज्य में राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के नेतृत्व
में धर्माध्यक्षों ने 29 जुलाई को राज्यपाल के शंकरनारायणन से मुलाकात कर कलीसिय़ाई संस्थानों
में हो रही डकैती की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सहायता माँगी। उन्होंने कहा कि राज्य
में प्रत्येक सप्ताह कम से कम दो संस्थानो को लूटा जा रहा है। अपराधियों के लिए कलीसियाई
संस्थान सबसे आसान लक्ष्य बन गये हैं। कार्डिनल टोप्पो ने पुलिस और प्रशासन के डुलमुल
रवैये पर खेद व्यक्त किया क्योंकि इसी कारण से राँची सहित गुमला, खूंटी और सिमडेगा धर्मप्रांतों
में कलीसियाई पल्ली और संस्थानों में लूटपाट मचाने के लिए अपराधियों को शह मिला है। कार्डिनल
टोप्पो के साथ प्रतिनिधिमंडल में राँची के सहायक धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना, हजारीबाग
के धर्माध्यक्ष चार्लस् सोरेंग, दुमका के धर्माध्यक्ष जुलियुस मरांडी, जमशेदपुर के धर्माध्यक्ष
फेलिक्स टोप्पो डाल्टनगंज के धर्माध्यक्ष गाब्रियल कुजूर और गंमला के धर्माध्यक्ष पौल
लकड़ा शामिल थे। गुमला के धर्माध्यक्ष पौल लकड़ा ने ऊका समाचार सेवा को बताया कि झारखंड
में अधिकांश चर्च सेन्टर सुदूर गाँवों में हैं जहाँ पुरेहित और धर्मबहनें लोगों की सेवा
करते हैं और अब वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं ऐसी स्थिति में वे कैसे निर्धन
लोगों की सेवा कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि मास्क लगाये डकैत चर्च परिसरों में रात के
समय घुसकर पुरेहितों और धर्मबहनों को बंदुक की नोक पर धमकाते हैं। सुदूर स्थलों में धर्मबहनें
अपने कौमार्य़ पर हमले के डर से बिना सोये रात बिता रही हैं। इससे उनके कार्य करने की
क्षमता प्रभावित हो रही है। कार्डिनल टोप्पो ने बताया कि राज्यपाल महोदय ने धर्माध्यक्षों
की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और विगत वर्षों में हुई लूटपाट और डकैती की घटनाओं की लिखित
सूची देने को कहा है। उन्होंने धर्माध्यक्षों को आश्वासन दिया कि इन घटनाओं के अनुसंधान
को पुलिस प्राथमिकता प्रदान करेगी।