वाटिकन सिटीः विश्व के पुरोहितों के नाम कार्डिनल ह्यूम्स का पत्र
पुरोहितों के संरक्षक सन्त जॉन वियानी के पर्व के उपलक्ष्य में याजकवर्ग सम्बन्धी धर्मसंघ
के अध्यक्ष कार्डिनल क्लाऊदियो ह्यूम्स ने विश्व के पुरोहितों के नाम एक पत्र जारी किया
है जिसकी प्रकाशना मंगलवार को वाटिकन द्वारा की गई। सन्त जॉन वियानी की पर्व चार अगस्त
को मनाया जाता है, वे पल्ली पुरोहितों के संरक्षक सन्त घोषित किये गये हैं। पत्र
में कार्डिनल महोदय ने लिखा कि वैश्विक मीडिया एवं मानवीय आवागमन के कारण पश्चमी संस्कृति
का प्रसार सम्पूर्ण विश्व में हो गया है जो सुसमाचार प्रचार कार्य के लिये एक महान चुनौती
है। उन्होंने कहा कि यह संस्कृति सापेक्षवाद से चिह्नित है जो किसी एक पारलौकिक सत्य
की पुष्टि से इनकार करती तथा इस प्रकार नैतिकता के आधार को खत्म कर धर्म का बहिष्कार
करती है। इस संस्कृति के तहत सत्य की खोज हेतु मानव उत्कंठा समाप्त हो जाती है। इसके
विपरीत येसु ख्रीस्त सत्य हैं, वे मानवीय अस्तित्व के कारणों की प्रकाशना करते हैं। कार्डिनल
ह्यूम्स ने कहा कि यद्यपि आधुनिक विज्ञान ने बहुत कुछ उपलब्ध कर लिया है तथापि दुर्भाग्यवश
इन उपलब्धियों का केन्द्र मानव तथा उसका कल्याण न होने के कारण ये अखण्ड मानवीय से वंचित
होकर निरर्थक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्तावाद, स्वछन्दतावाद एवं सुखवाद धर्म
के प्रति उदासीनता एवं उपेक्षाभाव को जन्म देते हैं। उनके अनुसार इस विकृत संस्कृति ने
विशेष रूप से ख्रीस्तीय बहुल पश्चिम के देशों में ख्रीस्तीय धर्म के महत्व को गौण् बना
दिया है। इसी के कारण पुरोहितों की बुलाहटों में कमी आई है किन्तु इससे हताश नहीं हुआ
जाये और न ही इसके लिये आज के समाज का खण्डन किया जाये बल्कि, ख्रीस्त के पुरोहित होने
के नाते, जीवन के सही अर्थ को खोजने हेतु लोगों को मार्गदर्शन दिया जाये।