देवदूत संदेश प्रार्थना के पाठ से पूर्व संत पापा का संदेश
श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 2 अगस्त को कास्तेल गोंदोल्फो स्थित प्रेरितिक
प्रासाद के भीतरी प्रांगण में एकत्रित तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना
का पाठ किया। उन्होंने इस प्रार्थना के पूर्व तीर्थयात्रियों और पर्य़टकों का अभिवादन
करते हुए कहाः
अतिप्रिय भाईयो और बहनो, कुछ दिनों पूर्व मैं वाले दे ओस्ता से
यहाँ आया और अब आपके बीच, कास्तेल गोंदोल्फो के प्रिय मित्रों के मध्य स्वयं को पाकर
बहुत हर्षित हूँ। मैं यहाँ के धर्माध्यक्ष, पल्ली पुरोहित, पल्ली समुदाय, प्रशासनाधिकारियों
और नागरिकों, तीर्थयात्रियो और पर्य़टकों,सबका सहर्ष अभिवादन करता हूँ। मैं आप सबको हार्दिक
स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूँ। ले कोम्ब में हुई छोटी दुर्घटना जिसमें मेरी दाहिनी कलाई
में चोट आई इसके बाद असंख्य लोगों ने आध्यात्मिक सामीप्य प्रदर्शित किया है उन सबके प्रति
मैं कृतज्ञ हूँ।
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
पुरोहितों को समर्पित
वर्ष जिसे हम मना रहे हैं यह हमारे लिए अनमोल अवसर है कि कलीसिया और विश्व में पुरोहितों
के मिशन के महत्व को गहन बनायें। अगस्त माह के आरम्भिक दिनों में मनाये जानेवाले कुछेक
संतों का समारोही स्मरण जो कलीसिया हमारे चिंतन के लिए प्रस्तुत करती है, जो आध्यात्मिकता
और पौरोहितिक समर्पण के यथार्थ आदर्श हैं, इनसे हमें चिंतन के लिए उपयोगी विचार प्राप्त
होते हैं।
कल संत अल्फोंसिस मारिया दी लिगोरी का समारोही स्मरण दिवस था जो
कलीसिया के धर्माचार्य़ और धर्माध्यक्ष, नैतिक ईशशास्त्र के महान शिक्षक और ख्रीस्तीय
मेषपाल और सदगुणों के नमूना थे। वे लोगों की धार्मिक जरूरतों के प्रति सदैव जागरूक और
समर्पित थे। आज हम असीसी के संत फ्रांसिस पर मनन चिंतन करते हैं जिन्में आत्माओं की मुक्ति
के लिए गहन प्रेम था। इसी प्रेम को प्रत्येक पुरोहित सतत बढ़ाये। हम तथाकथित असीसी की
क्षमा का स्मरण करते हैं जिसे उन्होंने चर्च ओफ पेरजियुनकोला में प्रार्थना करते समय
एक दर्शन में देखा था और संत पापा होनोरियुस तृतीय से 1216 में प्राप्त किया था। अपनी
दाहिनी ओर माता मरियम और उनेक चारों और अनेक स्वर्गदूतों के साथ येसु महिमा में प्रकट
हुए। उन्होंने उनसे अपनी इच्छा को व्यक्त करने को कहा। फ्रांसिस ने इस चर्च में आनेवाले
सब लोगों के लिए जो पश्चाताप करते और मेलमिलाप संस्कार ग्रहण करते हैं उनके लिए व्यापक
और उदार क्षमा की कृपा देने का निवेदन किया। संत पापा की स्वीकृति पाने के बाद संत ने
किसी प्रकार के लिखित दस्तावेज पाने की प्रतीक्षा किये बिना ही असीसी के लिए शीघ्रता
से प्रस्थान किया और पेरजियुनकोला पहुँचकर इस शुभ समाचार की उदघोषणा की कि प्रिय भाईयो
मैं सबको स्वर्ग भेजना चाहता हूँ। और तब से 1 अगस्त की दोपहर से 2 अगस्त की मध्यरात्रि
तक आप सामान्य परिस्थितियों के अनुरूप फ्रांसिस्कन चर्च या पल्ली की भेंट कर मृतकों के
लिए पापों की क्षमा प्राप्त कर सकते हैं।
संत पापा ने आगे कहा- संत जोन मेरी
वियन्नी के बारे में क्या कह सकते हैं जिन्हें हम 4 अगस्त को स्मरण करेंगे। मैंने उनके
निधन की 150 वीं वर्षगांठ की स्मृति में पुरोहितों को समर्पित वर्ष की घोषणा की। यह विनम्र
पल्ली पुरोहित , पौरोहिताई का आदर्श, न केवल पल्ली पुरोहितों का लेकिन सब पुरोहितों के
आदर्श हैं। इस विषय में मैं बुधवार को आयोजित होनेवाले आमदर्शन समारोह के समय धर्मशिक्षामाला
में कहने की मंशा रखता हूँ। 7 अगस्त को हम थियेने के संत काजेतन का पर्व मनायेंगे जो
कहा करते थे कि भावनात्मक प्रेम से नहीं लेकिन तथ्यों के प्रति प्रेम के द्वारा आत्माओं
का शुद्धीकरण होता है। और इसके एक दिन बाद 8 अगस्त को कलीसिया संत दोमनिक का स्मरण करती
है जिसके बारे में लिखा गया है कि वे ईश्वर से प्रार्थना करने या ईश्वर से बात करने के
लिए ही अपना मुँह खोलते थे। अंततः मैं संत पापा मोंतिनी, संत पापा पौल षष्ठम की महान
छवि को नहीं भूल सकता हूँ। 6 अगस्त को यहाँ कास्तेल गोंदोल्फो में उनके निधन की 31 वीं
पुण्यतिथि होगी। पुरोहिताई में सघन और मानवजाति के लिए समृद्ध उनका जीवन कलीसिया के लिए
उपहार रहा है जिसके लिए हमें ईश्वर को धन्यवाद देनी चाहिए। कुँवारी माता मरियम कलीसिया
की माँ, सब पुरोहितों की सहायता करें ताकि वे पौरोहितिक पवित्रता के इन आदर्शों का अनुकरण
करते हुए ख्रीस्त के प्रेम से संयुक्त रहें।
इतना कहने के बाद संत पापा
ने सब तीर्थयात्रियों और पर्य़टकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबकों
अपना अशीर्वाद प्रदान किया।