हैदराबाद: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पवित्र भूमि में तीर्थयात्रा के लिये राज्य
अनुदान पर लगाई रोक
आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी
जिसके तहत पवित्र भूमि में तीर्थयात्रा के लिये ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को आर्थिक सहायता
प्रदान किया जाना तय हुआ था। येसु मसीह के जीवन, उनके क्रूस मरण एवं पुनःरुत्थान से जुड़े
पुण्य स्थलों की तीर्थयात्रा के लिये ख्रीस्तीयों को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता
दिये जाने का आदेश था।
हज के लिये मुसलमानों को साऊदी अरब जाने हेतु दी जानेवाली
सहायता के समान ही ख्रीस्तीयों को भी पवित्रभूमि की तीर्थयात्रा का मौका देने के लिये
आन्ध्र प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष उक्त आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार पवित्रभूमि
की यात्रा के इच्छुक को आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री राजशेखरा रेड्डी के नेतृत्व में
सत्तारूढ़ काँग्रेस सरकार ने बीस हज़ार रुपयों की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी।
आदेश पर रोक लगाते हुए मुख्य न्यायमूर्ति ए.आर. दवे के नेतृत्व में एक डिवीजन
बेंच ने कहा कि तीर्थों के लिए राज्य सरकार को करदाताओं का पैसा खर्च नहीं करना चाहिए।
अदालत की कारर्वाई एक जनहित याचिका के बाद हुई जिसमें राज्य सरकार के आदेश की
संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। प्रार्थक की दलील थी कि एक धर्मनिरपेक्ष राज्य येरूसालेम
तथा अन्य तीर्थस्थलों पर जाने के लिये अनुदान नहीं दे सकता क्योंकि भारतीय संविधान के
अनुच्छेद 266 में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।