सेओल, दक्षिण कोरियाः बाईबिल वितरण के लिये कोरियाई महिला की हत्या
दक्षिण कोरिया के मानवाधिकार कार्यकर्त्ता यह दावा कर रहे हैं कि उत्तरी कोरिया में बाईबिल
वितरण के लिये एक महिला की हत्या कर दी गई। मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि
महिला के रिश्तेदारों, पति एवं तीन बच्चों को एक राजनैतिक बन्दीगृह में क़ैद रखा जा रहा
है।
उत्तरी कोरिया में लागू कड़ी सुरक्षा के चलते रोंगचोन में 16 जून को प्राणदण्ड
की शिकार 33 वर्षीया ख्रीस्तीय महिला री ह्योन ओक की हत्या की पुष्टि नहीं की जा सकी
है। एसोसियेटेड प्रेस के अनुसार तीन बच्चों की माँ री ह्योन पर दक्षिण कोरिया एवं अमरीका
की जासूस होने का भी आरोप लगाया गया था।
मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं की रिपोर्ट
में री ह्योन के पहचान पत्र की एक प्रतिलिपि भी छापी गई है।
रिपोर्ट में यह आरोप
भी लगाया गया कि उत्तरी कोरिया के अधिकारियों ने एक अन्य महिला सेओ कुम पर भी दक्षिण
कोरिया एवं अमरीका की जासूस होने का आरोप लगाकर उसे कड़ी यातनाएँ प्रदान कीं। यह मालूम
नहीं किया जा सका है कि यातनाओं के बाद सेओ बच पाई है अथवा नहीं। सेओ के पति एवं उनके
दो बच्चे इस समय लापता हैं।
ग़ौरतलब है कि आधिकारिक रूप से उत्तरी कोरिया की
सरकार धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का दावा करती है किन्तु व्यावहारिक स्तर पर साम्यवादी
सरकार ने अनेक धार्मिक गतिविधियों को प्रतिबन्धित कर रखा है। देश में चार सरकार समर्थित
कलीसियाएँ हैं किन्तु उत्तरी कोरिया के लोगों को इनमें प्रवेश की अनुमति नहीं है। तथापि
कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि उत्तरी कोरिया में तीस हज़ार से अधिक ख्रीस्तीय
धर्मानुयायी हैं जो भूमिगत रूप से अपने धर्म पालन के लिये बाध्य हैं।