2009-07-27 12:48:42

दादा-दादी ख्रीस्तीय मूल्यों के साक्ष्य और शिक्षक


इन्त्रोद, इटली, 27 जुलाई, 2009। संत पापा ने 26 जुलाई को संत जोवाकिम और संत अन्ना के पर्व के अवसर पर दादा-दादियोँ को अपना विशेष आशीर्वाद दिया है।

संत पापा ने कहा कि हमारे दादा-दादियों का एक विशेष दायित्व है कि हमें शिक्षित बनायें।

उक्त बातें संत पापा न उस समय कहीं जब वे 26जुलाई को इन्त्रोद के लेस कोम्बेस में रविवारीय देवदूत प्रार्थना के लिये एकत्रित विश्वासियों को अपना संदेश दे रहे थे। ज्ञात हो संत पापा लेसकोम्बेस में अपनी छुट्टियाँ मना रहे हैं।

संत पापा ने लोगों को याद दिलाया कि कुँवारी माता मरिया के माता-पिता संत जोवाकिम और संत अन्ना का उत्सव हमें इस बात को याद दिलाता है कि हम शिक्षा के बारे में बातें करें जिसका हमारे सामाजिक और प्रेरितिक जीवन में अति महत्त्व है।

यह पर्व हमें इस बात पर मनन करने को बाध्य करता है कि हम अपने वृद्ध दादा-दादियों की याद करें उन्हें सम्मान दें जो जीवन के मूलभूत मूल्यों के रक्षक और साक्ष्य हैं।

दादा- दादियों और बुजूर्गों का शिक्षण कार्य आऩे वाली पीढ़ी के लिये और भी मह्त्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज के युग में माता-पिता बच्चों को अपना समय नहीं दे पा रहें हैं।

इस अवसर पर प्रार्थना करते हुए संत पापा ने दुनिया के सब दादा-दादियों और बुजूर्गों को संत अन्ना और जोवाकिम के संरक्षण में सौंप दिया और उन्हें विशेष आशिष प्रदान की।

उन्होंने कहा कि जिस तरह कुँवारी माता मरियम ने अपनी माता और पिता के चरणों में बैठकर पवित्र धर्मग्रंथ का पाठ पढ़ा उसी तरह दादा-दादी भी ईश-वचन से आशा पायें और अपने ख्रीस्तीय जीवन को सुदृढ़ करें ।









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