' कारतितास इन बेरिताते ' अमेरिका समाचार पत्रों में
वाटिकन सिटी, 25 जुलाई, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के हाल में प्रकाशित दस्तावेज़
' कारितास इन वेरिताते ' ने अमेरिका की सूर्खियों में अच्छा-ख़ासा स्थान बना लिया है।
वाटिकन रेडियो के इताली संस्करण ने बताया कि जौभि कि दस्तावेज़ के प्रकाशित हुए
अभी दो पखवारे हो गये हैं अब भी इस संबंध में इसके विश्लेषण जारी है।
इताली रेडियो
ने बताया कि अब तक इस संबंध में 1 हज़ार 8 सौ लेख और विश्लेषण प्रकाशित हो चुके हैं।
अधिकतर लोगों ने इस दस्तावेज़ को अति मह्त्त्वपूर्ण बताया है। वाटिकन सूत्रों
ने बताया है कि उन्हें दस्तावेज़ संबंधी एक लेख मिला जिसमें शीर्षक था ' कारितास इन वेरिताते
का अमेरिका में गर्मजोशी से स्वागत। '
उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि संत
पापा के दस्तावेज़ के बारे में अमेरिका ने जितना समय और स्थान दिया है उतना किसी राष्ट्र
ने नहीं दिया है।
साथ ही यह भी गौर करने की बात है कि न केवल राष्ट्रीय समाचार
पत्रों ने बल्कि स्थानीय पत्रों ने भी इस समाचार को लगातार प्रकाशित किया है।
इन
समाचार पत्रों ने यह भी बताया कि दस्तावेज़ संबंधी मंथन और विश्लेषण में इस बात को ध्यान
दिया है कि इसने लोकधर्मियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, इतिहासकारों, प्राध्यापको
और ईशशास्त्रियों की भूमिका को स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
एक ओर जोर्ज विगेल
ने राष्ट्रीय समीक्षा में लिखा संत पापा के विचार उच्च कोटि के हैं और तो दूसरी ओर अधिकतर
विश्लेषण संत पापा के विचारों का समर्थन करते हैं।
जिन बातों पर ज्यादा विचार
आये हैं उनमें संत पापा के बाज़ार-व्यवस्था संबंधी विचार प्रमुख हैं।
संत पापा
ने कहा कि नयी दुनिया के निर्माण के लिये आर्थिक प्रगति की नयी योजना बनाये जाने की आवश्यकता
है जिसका आधार नैतिक मूल्य होना चाहिये जिसके द्वारा व्यक्ति ईश्वर और मानव के प्रति
उत्तरदायी होता है।
संत पापा ने इस बात को भी बताया है कि ' तकनीकि निरंकुशता
' अर्थात् तकनीकि को अति महत्त्व देना मानव के लिये हितकारी नहीं होगा