संत पापा के 7 जुलाई को प्रकाशित विश्वपत्र कारितास इन वेरिताते पर विचार करने के लिए
कलीसियाई नेताओं और इटली के सरकारी अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन 21 और 22 जुलाई को
रोम में सम्पन्न हुआ। त्रियेस्ते के लिए मनोनीत महाधर्माध्यक्ष जियाम पाब्लो क्रेपालदी
और सामाजिक मामलों और रोजगार संबंधी इताली मंत्री माउरित्सो साकोनी ने 21 जुलाई को तथा
जीवन संबंधी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसिकेला तथा इटली के
वित्तमंत्री जुलियो त्रेमोन्ती ने 22 जुलाई को सम्मेलन को सम्बोधित किया। महाधर्माध्यक्ष
रिनो फिसिकेल्ला ने संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विश्वपत्र कारितास इन वेरिताते पर अपने
विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन की हर अवस्था में मानव जीवन का स्वागत करते हुए इसकी
सुरक्षा और प्रसार करना, व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर यथार्थ विकास को आगे बढ़ाने
का अपरिहार्य अंग है। इस सम्मेलन को सम्बोधित करने से पूर्व वाटिकन रेडियो को दिये साक्षात्कार
में उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट के समय में जब जीवनदायी पहलों को धन की कमी हो रही
है यह असामान्य प्रतीत होता है कि सरकार सार्वजनिक धन को गर्भपात के लिए खर्च करे। उन्होंने
कहा कि लोगों को आश्चर्य़ नहीं होना चाहिए कि संत पापा अर्थव्यवस्था पर चिंतन करते हुए
अपने विश्वपत्र में गर्भपात, सुखमृत्यु और भ्रूणीय स्टेम सेल शोध जैसे मुददों पर विचार
व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने तहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन मुददों के क्षेत्र
में, निजी और सार्वजिनक, बहुत बड़ी धनराशि का निवेश किया गया है। महाधर्माध्यक्ष महोदय
ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के सन 2010 के बजट जिसमें कोलम्बिया जिले में गर्भपात के लिए
और अधिक धन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है इसका संदर्भ देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत
होता है कि अमरीका में गर्भपात के लिए सरकार द्वारा और अधिक धन उपल्ब्ध कराया जायेगा।