पणजी, 18 जुलाई, 2009। गोवा कानूनी आयोग ने सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है कि अंतिम क्रिया
के लिये एक सामूदायिक दाह और दफ़न स्थल होना चाहिये।
ज्ञात हाल में मरगाँव
के एक ईसाई बहुल गाँव के लोगों ने मुसलमानों के कब्रगाह के लिये अपनी जमीन देने से इनकार
कर दिया था।
गोवा लॉ कमीशन ने इस संबंध में बढ़ते तनाव को देखकर यह प्रस्ताव
किया है कि सब धर्मों के लिये एक ही दाह और दफन स्थल हो। उन्होंने इस प्रकार के प्रस्ताव
के लिये अमेरिका को अपना आदर्श माना है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका में एक कब्रगाह
है जिसे अरलिंगन नैशनल सेमेटरी के नाम से जाना जाता है जहाँ सब सम्प्रदाय के लोग अपने
मृतकों की अंतिम क्रिया करते हैं।
ज्ञात हो कि विभिन्न नेताओं ने मरगाँव के ईसाइयों
और हिन्दुओं से यह अपील की थी कि वे मुसलमानों के लिये अपनी ज़मीन दे दें पर गाँव वाले
इसके लिये सहमत नहीं हुए।
गोवा लॉ कमीशन के अध्यक्ष रमाकांत खलप ने पत्रकारों
को बताया कि गोवा में देश के विभिन्न कोनों से लोग आकर बसते जा रहे हैं और ज़मीन कम होती
जा रही है।
ऐसे समय में यह उपयुक्त होगा कि सरकार लोगों को दफ़नाने के लिये एक
ही कब्रगाह या दहन स्थल निर्धारित कर दे।
उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त
किया है लोग इस युग में भी मृतकों की अंतिम क्रिया के नाम पर झगड़े पर उतारु है। उन्होंने
यह भी बताया कि अमेरिका में जो सामूदायिक कब्रस्थान बनाया गया है वह 624 एकड़ ज़मीन
में फैला हुआ है और इसमें विभिन्न सम्प्रदायों के करीब तीन लाख लोगों की अंतिम क्रिया
संपन्न हुई है।