इराक के ईसाईयों को आशा बनाये रखने के लिए प्रोत्साहन
बगदाद के महाधर्माध्यक्ष जीन बेनजामिन स्लेईमान ने बगदाद और मोसुल में 8 गिरजाघरों पर
हुए हमलों को देखते हुए इराक के ईसाईयों को आशा बनाये रखने के लिए प्रोत्साहन देते हुए
कहा है कि वे अपने देश और एकता के पथ की ओर अपनी आस्था बनाये रखें। एसआईआर समाचार सेवा
को दिये वक्तव्य में महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि इन घटनाओं से जुड़ी सम्पूर्ण बातों की
जानकारी उनके पास नहीं है तथापि उनका मानना है कि इनका लक्ष्य ईसाईयों को हतोत्साहित
करना और उन्हें इराक छोड़ने के लिए विवश करना है। इसके साथ ही उन लोगों को हतोत्साहित
करना है जो इराक लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि इराक में हिंसा का समस्या धार्मिक
से कहीं अधिक बढ़कर राजनीति से उत्प्रेरित है। इसी तरह किरकुक के महाधर्माध्यक्ष लुईस
साको ने कहा कि इन हमलों का संदेश है जो ईसाई देश छोड़ चुके हैं उन्हें वापस नहीं लौटना
चाहिए। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार हिंसा की नई लहर को कुर्दिस्तान और किरकुक में होनेवाले
आगामी स्थानीय चुनावों से जोड़कर देखा जा सकता है जिसके अनुसार यह सब ईसाई मतदाताओं को
भयभीत और उत्पीड़ित करने का प्रयास है।