मुम्बईः भारतीय बजट में देश के विकास एवं सामान्य आदमी की सहायता का लक्ष्य
काँग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार की जीत के बाद नये बजट की भी घोषणा हो गई है
जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और साथ ही आम आदमी की ज़रूरतों का लक्ष्य
रखा गया है।
बजट में सुरक्षा पर 24 प्रतिशत तथा मुम्बई हमलों की पृष्टभूमि में
आन्तरिक सुरक्षा पर 31 प्रतिशत खर्च किये जाने की घोषणा की गई है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य
खर्चों में भी वृद्धि की गई है। बुनियादी सेवाओं जैसे बिजली, पानी, सड़कों की मरम्मत,
नौकरी के अवसर एवं ग्रामीण विकास पर भी खर्चों में वृद्धि का प्रण किया गया है।
विनिवेश
के बारे में पत्रकारों से बातचीत में वित्त मंत्रि प्रणब मुकर्जी ने स्पष्ट किया अभी
विनिवेश का समय नहीं आया है। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योगों का विनिवेश इस समय उचित
नहीं होगा बल्कि इस वर्ष के आर्थिक संकट के मद्देनज़र यह ज़रूरी है कि उच्च विकास दर
को वापस हासिल किया जाये।
वित्तमंत्री ने कहा, "विनिवेश आर्थिक सुधार और अर्थव्यवस्था
को मज़बूत करने का एक माध्यम हो सकता है पर इसी के आधार पर आर्थिक विकास को बनाए रखने
की बात नहीं की जा सकती है।"
इस बीच भारत के टाईम्स ऑफ इन्डिया ने रोती हुई एक
निर्धन बालिका की तस्वीर छाप कर नये बजट को केवल धनियों का हितैषी बताया। इस तस्वीर के
नीचे यह भी लिखा गया कि सरकार को भारत के उन करोड़ों लोगों की चिन्ता करनी चाहिये जो
चन्द रुपयों पर ही जीवन यापन के लिये बाध्य हैं।