2009-07-08 12:21:25

बुधवारीय- आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
7 जुलाई, 2009


वाटिकन सिटी, 7 जुलाई, 2009 । बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा –

प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षामाला में हम आइये हम कलीसिया के नये दस्तावेज़ " कारितातिस इन वेरिताते " अर्थात् ' सत्य में प्रेम ' पर मनन-चिन्तन करें।

आपको याद होगा करीब चालीस साल पहले संत पापा पौल षष्टम् ने काथलिक कलीसिया को एक दस्तावेज़ दिया था जिसका नाम था " पोपोलोरोरुम प्रोग्रेसियो " अर्थात् ' मानव का विकास ' ।

इस दस्तावेज़ की विषय वस्तु थी मानव का सामाजिक जीवन जिसने हमें याद दिलाया था कि मानव के कल्याण के लिये व्यक्ति और समाज का नवीनीकरण अनिवार्य है। इस नवीनीकरण के लिये हम येसु के प्रेम से प्रेरित हों और सत्य के मार्ग पर चलें।

और यही है कलीसिया के सामाजिक जीवन का सार। प्रस्तुत दस्तावेज़ का उद्देश्य यह नहीं है कि वह सामाजिक समस्याओं का तकनीकि समाधान दे पर यह इस बात पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहता है कि मानव का विकास सिद्धांतों के आधार पर हो।

इस संदर्भ में इस बात का सदा ध्यान दिया जाये कि प्रगति या विकास का केन्द्र हो मानव जीवन तब ही मानव का सच्चा विकास हो सकता है।

इसके अलावा यह दस्तावेज़ इस बात पर भी बल देता है कि लोगों को धर्म की स्वतंत्रता दी जाये।

यह दस्तावेज़ इस बात के लिये भी लोगों को आग़ाह करती है कि ऐसा न हो कि वे प्रगति के नाम पर तकनीकि को अति महत्त्व देने लगें।

लोगों को चाहिये कि अपने सामाजिक राजनीतिक और रोजदिन के जीवन में इस बात को ध्यान दें कि उनके कार्यों से आम लोगों का कल्याण अवश्य हो।

इस दस्तावेज़ में संत पापा ने समय की माँग के अनुसार इस बात जोर दिया है कि विश्व के लिये खाद्य आपूर्ति पर्याप्त हो और कृषि के क्षेत्र में उचित विकास हो और पर्यावरण की रक्षा हो।

राजनेता, अर्थशास्त्री, उत्पादक और उपभोक्ता इस बात को समझें कि नैतिकता के बिना विकास अधूरा है। लोगों को यह भी मालूम हो कि पूरा विश्व ओक मानव परिवार है और सिर्फ़ अपने लाभ के लिये कार्य करना उचित नहीं है।

विश्व के सच्चे विकास के लिये येसु के लिये प्रेम से प्रेरित होकर सत्य के लिये जीना।

आज हम आइये प्रार्थना करें कि इटली के लाक्विला में जमा हुए जी-8 के नेताओं को ईश्ववर विवेक प्रदान करे ताकि वे ऐसा निर्णय लें जिससे गरीबों और कमजोरो के समुचित विकास के लिये कार्य कर सकें।.
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इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने इंगलैंड, कनाडा और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों और उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
















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