पर्यटन का उपयोग ईश्वर की सृष्टि की समृद्धि पर चिंतन हो
प्रवासियों और यायावरों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने ख्रीस्तीयों से आग्रह किया है कि
पर्यटन का उपयोग ईश्वर की सृष्टि की समृद्धि पर चिंतन करने तथा विविधता में उनके
सौंदर्य़ की पुर्नखोज करने के लिए करें। समिति ने 27 सितम्बर को मनाये जानेवाले विश्व
पर्यटन दिवस के लिए जारी किये गये संदेश में उक्त बातों की पुष्टि की है। इस वर्ष का
शीर्षक है टूरिज्म सेलेबरेटिंग डाईवर्सिटी। संदेश में समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
अंतोनियो मारिया वेलियो और सचिव महाधर्माध्यक्ष अगोस्तीनो मारकेतो ने स्वीकार किया है
कि विविधता सकारात्मक तत्व है जो खतरा या धमकी नहीं है। कहा गया है कि भूमंडलीकरण के
समय में संस्कृति और धर्म एक दूसरे के निकट आते हैं और सब संस्कृतियों के केन्द्र में,
शांति के लिए यथार्थ इच्छा है वह सामने आ रही है। इसके साथ ही यह देखा जाता है कि नासमझी,
पूर्वाग्रहों के कारण बाधाएँ और विभाजनों को बढ़ावा दिया जाता है जो अज्ञात तथा भिन्न
होने के भय के कारण उत्पन्न होते हैं। समिति ने कहा है कि पर्यटन संवाद और एक दूसरे को
सुनने का अवसर हो सकता है जैसा कि यह लोगों को अन्य प्रकार की जीवन शैलियों, धर्मों तथा
विश्व और इसके इतिहास को देखने के भिन्न प्रकारों के सम्पर्क में लाता है। हमें आशा करनी
चाहिए कि परस्पर ज्ञान और अधिक न्यायी, सहयोगी और भ्रातृत्वमय समाज बनाने के लिए मदद
करेगा।